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रोजगार नीति उद्योगों के लिए अवरोधक नहीं:सोरेन

रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आज उनका राज्य निवेशकों को जबर्दस्त अवसर उपलब्ध करा रहा है. उन्होंने कहा कि आप वह समय भूल जाएं जबकि राज्य का नेतृत्व खान और खनिज से आगे नहीं सोचता था. झारखंड के मुख्यमंत्री ने साक्षात्कार में कहा कि अब राज्य भविष्य की सोच के साथ आगे बढ़ रहा है. हमने 15 साल की रूपरेखा बनाई है जिसके तहत निवेशकों के पास अवसरों के दोहन के जबर्दस्त अवसर हैं. सोरेन ने कहा कि राज्य की रोजगार आरक्षण नीति के तहत अनुसूचित जाति (एससी) तथा अनुसूचित जनजाति (एसटी) को अधिक नौकरियों उपलब्ध कराने की योजना उद्योगों के लिए कभी अवरोधक नहीं बनेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मेरी सरकार भविष्य की सोच के साथ आगे बढ़ रही है. मैंने हमेशा कहा है कि मेरी सरकार ने क्या काम किया है, यह अगले 10 से 15 साल में नजर आएगा. मैं दीर्घावधि के प्रभाव पर विश्वास करता हूं, जिससे हमारे लोगों को सिर्फ मेरे कार्यकाल के दौरान ही नहीं, आगे भी फायदा मिलता रहे. पुराना नेतृत्व कभी खान और खनिज आधारित उद्योगों से आगे नहीं सोच पाया. राज्य कभी कंक्रीट नीति नहीं पेश कर पाया.’’ सोरेन ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में कई उद्योग झारखंड के संसाधनों पर आगे बढ़ रहे हैं. चाहे ये खान और खनिज आधारित उद्योग हों या कृषि-खाद्य अथवा मांस प्रसंस्करण उद्योग हों या वाहन असेंबलिंग इकाइयां या कपड़ा उद्योग हों.

उन्होंने कहा, ‘‘आपको शायद इस बात की जानकारी नहीं हो कि झारखंड तसर सिल्क (एक प्रकार का रेशम) का सबसे बड़ा उत्पादक है. हम भारत में बागवानी फसलों के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक हैं. करीब 40 प्रतिशत खनिज संपदा हमारे राज्य में है, लेकिन देश का रेशम शहर बिहार में है. हम कृषि-खाद्य और मीट प्रसंस्करण क्षेत्र में कहीं नहीं हैं. इसकी वजह हमारे नेतृत्व की सूक्ष्म सोच रही है.’’ भविष्य के निवेशकों को सोरेने ने भरोसा दिलाया कि राज्य में उल्लेखनीय संख्या में ऐसे अवसर मौजूद हैं, जिनका अभी दोहन नहीं हुआ है. उनके पास इन अवसरों का लाभ लेने का मौका है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम देश में कारोबार सुगमता रैंकिंग में पांचवें स्थान पर हैं. हम निवेशकों को एक बेहतर एकल खिड़की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. यदि वे यहां आते हैं, और झारखंड में निवेश करते हैं, तो मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा और उद्योग को स्थापित करने में मदद करूंगा. मैं इस उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा हूं,, ‘‘आइये, हम साथ आगे चलें और आगे बढ़ें’’. यह पूछे जाने पर कि क्या निजी उद्योगों में आरक्षण नीति अवरोधक साबित नहीं होगी, सोरेन ने कहा कि इस अवधारणा के उलट इससे उद्योगों को फायदा होगा क्योंकि झारखंड के पास ईमानदार और समर्पित श्रमबल हैं.