लोकसभा उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी डिंपल यादव नामांकन दाखिल करने कलक्ट्रेट पहुंच गईं हैं। उनके साथ सपा मुखिया अखिलेश यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी हैं। डिंपल यादव के साथ प्रस्तावक के रूप में पूर्व सांसद तेज प्रताप सिंह यादव, एएच हाशमी, रामनारायण बाथम, पूर्व मंत्री आलोक शाक्य भी गए हैं। सुरक्षा के चलते अखिलेश यादव की गाड़ी को बैरियर पर ही रोक लिया गया। उनके सुरक्षा गार्डों को भी नामांकन कक्ष तक नहीं जाने दिया गया।
अखिलेश जुटे रणनीति बनाने में
सैफई में रविवार को अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं तक मंथन कर रणनीति तैयार की। मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा का गढ़ कहा जाता है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव में पांच दिसंबर को मतदान होना है। इस पर सपा ने मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू डिंपल यादव का प्रत्याशी घोषित किया है। नेताजी की राजनीतिक विरासत को संभालने और वर्चस्व को कायम रखने के लिए पूरा परिवार ताकत झाेंकने जा रहा है। पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव चुनाव की घोषणा के बाद से ही बैठकों और प्रचार में जुटे हैं। रविवार काे पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव भी मैनपुरी में सक्रिय हो गए थे। रविवार रात को ही सपा मुखिया अखिलेश यादव भी सैफई पहुंच गए थे। उन्होंने देर शाम नेताओं आदि के साथ बैठक की। इसके बाद रविवार को फिर मंथन का सिलसिला चला और सोमवार को नामांकन कराने की बात तय कर दी गई।
साधारण तरीके से हो रहा नामांकन
सपा ने इस बार साधारण तरीके से नामांकन की रणनीति बनाई थी। स्वागत आदि के कार्यक्रम न करने के निर्देश दिए गए थे। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के नामांकन के बाद एक सभा का भी आयोजन किया गया था। इस बार ऐसी कोई सभा नहीं रखी गई है।