बीते कुछ वर्षों से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी सड़क नेटवर्क बढ़ रहा है, लेकिन इसी के साथ चिंता की बात यह भी है कि देश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं ग्रामीण क्षेत्र में ही हो रही हैं। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार एक और तथ्य यह है कि चाहे ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं रिहायशी इलाकों के आसपास ही हो रही हैं।
- 59.7% सड़क दुर्घटनाएं वर्ष 2021 में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में दर्ज की गई
- 30% रोड एक्सीडेंट ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायशी इलाकों के निकट हुए। इनकी संख्या 72,330 रही
- 7.7% सड़क दुर्घटनाएं शहरी क्षेत्रों में पैदल पार पथ पर हुईं। इनकी संख्या 12,528 रही
- 1,62,169 सड़क दुर्घटनाएं देश के शहरी क्षेत्रों में हुईं जो कुल दुर्घटनाओं का 40.3 प्रतिशत ह
- 2,40,747 सड़क दुर्घटनाएं देश के ग्रामीण क्षेत्र में बीते वर्ष हुईं। इस अवधि में कुल रोड एक्सीडेंट की संख्या 4,02,116 रही
- 48,270 सड़क दुर्घटनाएं शहरी क्षेत्रों में वहां हुईं जहां आसपास लोगों की रिहाइश थी। यह शहरी क्षेत्रों में हुई कुल दुर्घटनाओं का करीब 30 प्रतिशत रहा
- 28,873 रोड एक्सीडेंट देश में बीते वर्ष स्कूल, कालेज या अन्य शिक्षण संस्थानों के पास हुए। देश में हुई कुल सड़क दुर्घटनाओं का यह आठ प्रतिशत है
स्कूल, कालेज और शिक्षण संस्थानों के पास खतरा अधिक
एनसीआरबी की वर्ष 2022 की रिपोर्ट कहती है कि देश में स्कूल, कालेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के पास सड़क दुर्घटनाओं की संख्या चिंतित करने वाली है। तमाम संकेतकों व उपायों के बावजूद शिक्षा संस्थानों के निकट दुर्घटनाएं व उनसे होने वाली मानव क्षति को रोकने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है।
- 24.4% सड़क दुर्घटनाएं उत्तर प्रदेश में बीते वर्ष शहरी क्षेत्र में स्कूल, कालेज या शिक्षण संस्थानों के निकट हुईं जो देश में सबसे अधिक है
- 9.4% सड़क दुर्घटनाएं तमिलनाडु में वर्ष 2021 में शहरी क्षेत्र के स्कूल, कालेज या शिक्षण संस्थानों के निकट हुई
- 18% मौतें उत्तर प्रदेश में बीते वर्ष शहरी क्षेत्र में रिहायशी इलाके के निकट हुईं सड़क दुर्घटनाओं में दर्ज की गईं। यह देश में सबसे अधिक संख्या है