बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शराब के असली धंधेबाजों को पकड़ें। उनपर कड़ी कार्रवाई करें। यही लोग बाहर से विदेशी शराब लाते हैं या बिहार में देसी शराब बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के लोग अलर्ट रहेंगे तो गड़बड़ी नहीं होगी। वैसा कोई पुलिस वाला नहीं है, जिसको भीतर की बात का पता नहीं रहता। पूरे तौर पर शराबबंदी का पालन कराना जरूरी है।
मुख्यमंत्री शनिवार को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित ज्ञान भवन में नशामुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में 90 प्रतिशत लोग अच्छे होते हैं, दस प्रतिशत ही गड़बड़ करनेवाले होते हैं। इनलोगों को ठीक करने के लिए सभी को प्रयासरत रहना है। गड़बड़ करनेवालों पर पुलिस कार्रवाई भी करती है। उन्होंने कहा कि ताड़ के पेड़ से सूर्योदय से पहले नीरा निकलता है और सूर्योदय के बाद ताड़ी। नीरा स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होता है। नीरा से पेड़ा और गुड़ भी बनाया जाता है। बिहार में इस साल नीरा का काफी उत्पादन हुआ है। वहीं, ताड़ी से कोई लाभ नहीं है, इसको बंद कीजिए।
सीएम ने इस संदेश का किया अनावरण
मुख्यमंत्री ने सभी पंचायतों को मद्यनिषेध को लेकर भेजे गए संदेश का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने मोबाइल पर ‘जनता के नाम संदेश’ का भी लोकार्पण किया। शराबबंदी के सफल क्रियान्वयन को लेकर किए गए कार्यों पर आधारित एक लघु फिल्म दिखाई गई। कार्यक्रम में किलकारी के बच्चों द्वारा कव्वाली प्रस्तुत की गई। मुख्यमंत्री ने जीविका द्वारा चूड़ी निर्माण केंद्र, सबलपुर, पटना का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में चूड़ी निर्माण केंद्र पर आधारित लघु फिल्म की प्रस्तुति की गई। मुख्यमंत्री ने जीविका दीदी नीना देवी और पार्वती देवी को चूड़ी निर्माण केंद्र से निर्मित कांच की चूड़ी भेंट की।
पटना में ज्यादा गड़बड़ी
सीएम ने कहा कि पटना में सबसे ज्यादा गड़बड़ी होती है। उन्होंने पटना के डीएम और एसएसपी को निर्देश दिया कि पटना पर विशेष नजर रखें। आपलोग कार्रवाई कर रहे हैं, पर इसमें और अधिक सख्ती की जरूरत है। अगर पटना ठीक हो गया तो पूरा बिहार ठीक हो जायेगा। कहा कि शराबबंदी लागू करने के कारण कुछ लोग मेरे खिलाफ हैं। शराब कितनी बुरी चीज है, इसको सबको समझना होगा। इसको लेकर समाज सुधार अभियान को निरंतर चलाते रहें। महिलाओं से अपील है कि आप ही की मांग पर शराबबंदी लागू की गयी है, इसलिये आपलोग इसको लेकर सजग रहें।
सतत जीवकोपार्जन का दायरा बढ़ायें
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में हमने सतत जीवकोपार्जन योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत शराब के धंधे से जुड़े लोगों को दूसरा कारोबार शुरू करने के लिये एक लाख रुपये तक की मदद की जा रही है। जो लोग देसी शराब, ताड़ी के धंधे में लगे थे, वे लोग इसको छोड़कर गाय पालन, बकरी पालन, मुर्गीपालन, शहद उत्पादन आदि छोटे व्यवसाय शुरू कर कार्य कर रहे हैं। इस योजना के तहत एक लाख 47 हजार परिवारों ने इसका लाभ उठाया है। इसका दायरा और बढ़ायें। लोगों को इसके लिए प्रेरित करें।