आतंकपरस्त देश पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हुआ है। यूएस की रिपोर्ट ने लगातार तीसरी बार पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर हत्या के जोखिम वाले देशों में टॉप पर रखा है। यूएस थिंक-टैंक अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट ने अपनी 28 पेज की रिपोर्ट में कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी द्वारा की जा रही हिंसा के अलावा पाकिस्तान को सुरक्षा और मानवाधिकार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट में साफ शब्दों में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच झूल रहे पाकिस्तान के लिए सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है।

यूएस थिंक-टैंक अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट के नवीनतम आकलन के अनुसार, पाकिस्तान लगातार तीसरी बार बड़े पैमाने पर हत्याओं के जोखिम वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है। अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट ने अपनी 28 पेज की रिपोर्ट में कहा कि टीटीपी द्वारा बढ़ती हिंसा सहित पाकिस्तान को कई सुरक्षा और मानवाधिकार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शीर्ष दस देशों की सूची में म्यांमार दूसरे स्थान पर और यमन तीसरे स्थान पर है।
क्या है अर्ली वॉर्निंग प्रोजेक्ट
द अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट संयुक्त राज्य अमेरिका के होलोकॉस्ट मेमोरियल म्यूजियम में साइमन-स्कजोड सेंटर फॉर द प्रिवेंशन ऑफ जेनोसाइड और डार्टमाउथ कॉलेज में डिकी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अंडरस्टैंडिंग की एक संयुक्त पहल है। अर्ली वार्निंग प्रोजेक्ट एक शोध संगठन है जो बड़े पैमाने पर हिंसा के जोखिम वाले देशों की पहचान करता है।
इस संगठन की रिपोर्ट में तालिबान की शाखा टीटीपी द्वारा हिंसा का हवाला दिया गया है, जो पहले से ही राजनीतिक और आर्थिक संकटों का सामना कर रहे पाकिस्तान के लिए मुख्य चुनौतियों में से एक है।
रिपोर्ट की टाइमिंग और टीटीपी का ऐलान
यहां यह गौर करने वाली बात है कि संगठन की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब टीटीपी ने इस सप्ताह पाकिस्तानी सरकार के साथ संघर्ष विराम को वापस ले लिया। टीटीपी ने जून में सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम को समाप्त कर दिया और लड़ाकों को देश भर में कहीं भी हमले करने का आदेश दिया है।
प्रतिबंधित संगठन ने एक बयान में कहा, “चूंकि विभिन्न क्षेत्रों में मुजाहिदीन के खिलाफ सैन्य अभियान चल रहा है इसलिए आपके लिए यह अनिवार्य है कि आप पूरे देश में जहां कहीं भी हमले कर सकते हैं।”
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal