सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े एक अवमानना मामले में नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सोमवार को निरस्त कर दिया।

चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस पी.एस. नरसिंह और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने रितु माहेश्वरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ए.एन.एस. नादकर्णी की इन दलीलों पर गौर किया कि अधिकारी उड़ान में देरी के कारण समय पर पेश नहीं हो सकीं।
हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा में भूमि अधिग्रहण के लिए प्रभारी अधिकारी के साथ नोएडा प्राधिकरण की सीईओ से ठीक नीचे का एक वरिष्ठ अधिकारी भूमि अधिग्रहण मामले से उत्पन्न अवमानना मामले और किसानों को मुआवजे के भुगतान पर विवाद से निपटने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की सहायता के लिए उपस्थित होगा।
हाईकोर्ट ने इस साल 28 अप्रैल को नोएडा की सीईओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था और बाद में गैर जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 13 मई को पुलिस हिरासत में अदालत के सामने पेश करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए उससे अवमानना मामले पर तेजी से फैसला करने को कहा।
नोएडा प्राधिकरण द्वारा जिन लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उनकी ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने कहा कि किसानों को आज तक कोई पैसा नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की सीईओ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट में किसानों की दिलचस्पी नहीं है और वे अपने मामले का जल्द निपटारा चाहते हैं।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal