ब्रिटेन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत नर्सें 106 साल के इतिहास में पहली बार गुरुवार को हड़ताल पर चली गईं। वेतन बढ़ाने और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों की मांग को लेकर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में नर्सों ने काम बंद कर दिया। 100,000 से अधिक नर्सें इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड और वेल्स में हड़तालों में शामिल हुईं। अगले मंगलवार को नर्सें फिर हड़ताल पर रहेंगी। हालांकि स्काटलैंड में नर्सों ने एक नए वेतन प्रस्ताव के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली। ब्रिटेन के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड के बावजूद हड़ताल शुरू होते ही नर्सों ने कई अस्पतालों के बाहर धरना दिया।

स्टाफ की कमी दूर करने की भी मांग
नर्सों ने स्टाफ की कमी दूर करने, वेतन बढ़ाने और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों की मांग की। नर्सें अभी भी गहन देखभाल इकाइयों और कीमोथेरेपी, डायलिसिस, और कुछ बाल चिकित्सा सेवाओं जैसी सबसे महत्वपूर्ण सेवाओं में कार्य करती रहेंगी। लेकिन सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में सर्जरी रद कर दी गई। नर्सों के यूनियन ने वेतन में 19 प्रतिशत वृद्धि की मांग की है, क्योंकि आसमान छूती महंगाई के कारण कम वेतन में काम करना संभव नहीं है।
सरकार ने कहा- वेतन वृद्धि का बोझ नहीं झेल सकते
सरकार ने कहा है कि वेतन में इतनी अधिक वृद्धि का बोझ सरकार नहीं झेल सकती। सरकार ने कम वेतन वृद्धि की पेशकश की है। रायल कालेज आफ नर्सिंग की महासचिव पैट कुलेन ने हड़ताल से पहले वीडियो में कहा कि हम मरीजों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध थे और हमेशा रहेंगे। संघ ने अपने 300,000 से अधिक सदस्यों, जो स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारियों की संख्या का लगभग एक तिहाई हिस्सा है के मतदान के बाद हड़ताल करने का निर्णय लिया। नर्सों ने 20 दिसंबर को फिर से हड़ताल करने की योजना बनाई है, जबकि एंबुलेंस सेवा 21 दिसंबर और 28 दिसंबर को बंद रहेगी।
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