साइबर ठगों ने पूरे प्रदेश में अपना जाल फैला रखा है। प्रदेश में आगरा में साइबर क्राइम की सर्वाधिक घटनाएं हो रही हैं। हर साल करोड़ों रुपये साइबर ठग ऑनलाइन उड़ा ले रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं के बाद भी इनका निस्तारण धीमा है। आगरा में पुलिस ने साइबर क्राइम के 69 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की है।

साइबर ठगी होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर लोग शिकायत दर्ज कराते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई जाती हैं। वहीं कुछ लोग सीधे साइबर सेल में जाकर शिकायत दर्ज कराते हैं। पुलिस भी इसी हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करने की अपील करती है ताकि तत्काल मदद मिल सके। हैरानी की बात यह है कि मैन पावर की कमी और मॉनीटरिंग के अभाव के कारण साइबर ठगी के आधे मामलों में ही कार्रवाई हो रही है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 2022 में सबसे ज्यादा आगरा में नौ हजार से अधिक साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज की गईं।
रिपोर्ट दर्ज करने में नोएडा अव्वल
कार्रवाई के मामले में सबसे ज्यादा कमिश्नरेट नोएडा में 80 प्रतिशत एफआईआर दर्ज हुई है। इसके अलावा अयोध्या में 71 प्रतिशत कार्रवाई हुई है। यूपी के बड़ों जिलों में भी कार्रवाई का आंकड़ा 50 प्रतिशत से कम है। सबसे खराब स्थिति गोंडा की है। यहां पर लगभग दो हजार केस में छह प्रतिशत मामलों में ही कार्रवाई हुई है। गोरखपुर में पांच केस में 49 प्रतिशत मामलों में रिपोर्ट दर्ज की गई। कानपुर (आउटर) में 6370 में से 4093 यानी 64.25 तो वाराणसी (ग्रामीण) में 3992 में से 2242 यानी 56.16 मामलों में ही कार्रवाई हुई। मुरादाबाद में 2006 में से 968 (48.26), अलीगढ़ में 4264 में से 3198 (75) मामलों में रिपोर्ट दर्ज हुई।
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