लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को कहा कि लोकतंत्र के तीनों अंगों कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए सद्भाव, विश्वास और संतुलन के साथ काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों की नजरों में विधायिका की उत्पादकता और उसकी छवि में सुधार की जरूरत है।

लोकसभा अध्यक्ष ने राजस्थान विधानसभा में आयोजित अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 83वें सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम में यह बात कही।
विधानसभाओं ने न्यायपालिका की शक्तिओं का हमेशा किया है सम्मान
उन्होंने कहा कि हमारे देश में विधानसभाओं ने हमेशा न्यायपालिका की शक्तिओं का सम्मान किया है। ऐसे में न्यायपालिका से संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों के पृथक्करण और संतुलन के सिद्धांत का अनुपालन करने की अपेक्षा की जाती है।
सद्भाव और संतुलन के साथ काम करें लोकतंत्र के तीनों अंग
ओम बिरला ने कहा कि लोकतंत्र के तीनों अंग कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका को संविधान से अपनी शक्तियां और अधिकार प्राप्त हैं। ऐसे में लोकतंत्र के अंगों को एक-दूसरे का ख्याल रखते हुए सद्भाव, विश्वास और संतुलन के साथ काम करना चाहिए।
जी 20 में देश की सांस्कृतिक विविधता को करेंगे पेश
भारत को इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता सौंपी गई थी। ऐसे में देशभर में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ थीम पर जी20 शिखर सम्मेलन की सभाओं को आयोजित किया जाएगा। इसी बीच लोकसभा अध्यक्ष ने भारत की जी20 अध्यक्षता का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत जी20 शिखर सम्मेलन में देश की लोकतांत्रिक परंपरा और सांस्कृतिक विविधता को मजबूती से पेश करेगा।
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