नेपाल में हुए विमान हादसे के बाद से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है। काठमांडु के एयरपोर्ट अधिकारी ने बताया है कि सर्च ऑपरेशन के दौरान अधिकारियों का क्षतिग्रस्त हुए विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद हो गया है। इस बॉक्स के जरिए पता लगाया जाएगा कि आखिर विमान का हादसा किस तकनीकी कारण से हुआ है। यति एयरलाइंस के 9N-ANC ATR-72 विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से रविवार सुबह 10:33 बजे उड़ान भरी और उतरने से कुछ मिनट पहले पुराने हवाई अड्डे और नए हवाई अड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
किसी विमान हादसे की वजह का पता लगाने के लिए दो डिवाइस का मिलना बहुत जरूरी होता है। एयरक्राफ्ट का फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर (सीवीआर), इसे ही ‘ब्लैक बॉक्स’ कहा जाता है। इनमें से एक के जरिए कॉकपिट के अंदर की बातें रिकॉर्ड होती हैं, वहीं दूसरे में विमान से जुड़े आंकड़े, जैसे-गति और ऊंचाई रिकॉर्ड होती है। यह ऑरेंज कलर का होता है जो किसी भी चीज से क्षतिग्रस्त नहीं होता है। लगभग 20,000 फीट की दूरी से इसका पता लगाया जा सकता है। इसकी बैटरी 30 दिनों तक ही चलती है, लेकिन इसका डाटा की सालों के बाद भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
सभी यात्रियों की हुई मौत
बीते रविवार को लैंडिंग से मात्र कुछ देर पहले ही नेपाल में यह भीषण विमान हादसा हो गया था। इसमें विमान में 5 भारतीय समेत 72 लोग सवार थे। दरअसल, इस हादसे में अब तक जिन लोगों की तलाश की गई थी वे सभी मारे गए थे लेकिन वहीं, 4 लोगों की तलाश अब भी जारी है। नेपाल की राजधानी काठमांडू से पर्यटन नगरी पोखरा जाते हुए यह विमान हादसा हुआ। नेपाली अधिकारियों ने एक विशेष आयोग को दुर्घटना के कारणों की जांच करने का काम सौंपा है। 45 दिनों में रिपोर्ट आने की उम्मीद है। वहीं विमान हादसे को लेकर नेपाल में आज एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
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