छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिला अदालत ने अपने ही माता-पिता को मौत के घाट उतारने वाले 47 साल के व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है। दोषी संदीप जैन ने 2018 में घर पर अपने माता-पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। कोर्ट ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर क्राइम करार दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी ने अपने फैसले में ‘महाभारत’ के कुछ श्लोकों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि दोषी के लिए मृत्युदंड उचित सजा होगी ताकि कोई फिर से कभी माता-पिता की हत्या करने की हिम्मत ना करे।
दो अन्य को जेल की सजा
विशेष लोक अभियोजक सुरेश प्रसाद शर्मा ने मंगलवार को बताया कि संदीप को हथियार मुहैया कराने वाले दो अन्य दोषियों भगत सिंह गुरुदत्त और शैलेंद्र सागर को पांच साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी, 2018 को संदीप जैन ने दुर्ग में अपने पिता रावलमल जैन (72) और 67 साल की मां सुरजी देवी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर मिले साक्ष्य के आधार पर संदीप को गिरफ्तार कर लिया था।
कई मुद्दों पर था मतभेद
ट्रायल के दौरान, अदालत में ये साबित हुआ कि पिता-पुत्र के बीच संपत्ति सहित कई मुद्दों पर मतभेद थे। शर्मा ने बताया कि पिता से एक विवाद ये भी था कि दोषी को अपने घर में मंदिर का अनुष्ठान करने के लिए पास की शिवनाथ नदी से पानी लाने के लिए कहना पसंद नहीं था। उन्होंने कहा कि संदीप ने अपने माता-पिता की हत्या इस डर से की थी क्योंकि उसे लगता था कि वो उसे बेदखल कर देंगे।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal