भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने शनिवार को स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर सपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा नेता मौर्य लगातार सनातन धर्म पर तथ्यहीन टिप्पणी कर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का अपमान कर प्रदेश के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश इस प्रकरण पर अपना एवं अपनी पार्टी का मत जनता के समक्ष स्पष्ट करें, या फिर उनकी चुप्पी को मौर्य के बयानों का समर्थन माना जाए ?

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि स्वामी प्रसाद ने फिर हिंदू धर्म के संतों और धर्माचार्यों की तुलना आतंकवादी, महाशैतान और जल्लाद तक से कर डाली है। इस प्रकरण पर अपना मत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को स्पष्ट करना चाहिए। भूपेंद्र के ट्वीट के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को फिर एक ट्वीट किया …देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों के सम्मान की बात क्या कर दी, मानो भूचाल आ गया। एक-एक करके संतों, महंतों, धर्माचार्यों का असली चेहरा बाहर आने लगा। सिर, नाक, कान काटने पर उतर आए। कहावत सही है कि मुंह में राम बगल में छुरी। धर्म की चादर में छिपे, भेड़ियों से बनाओ दूरी।
समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य से जब पूछा गया कि क्या अखिलेश यादव रामचरितमानस पर अपने बयान के साथ खड़े हैं तो उन्होंने कहा किअखिलेश यादव हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। वह सही समय पर बयान देंगे।
इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद ने यह भी कहा कि अभी हाल में मेरे दिये गये बयान पर कुछ धर्म के ठेकेदारों ने मेरी जीभ काटने एवं सिर काटने वालों को इनाम घोषित किया है, अगर यही बात कोई और कहता तो यही ठेकेदार उसे आतंकवादी कहते, किंतु अब इन संतों, महंतों, धर्माचार्यों व जाति विशेष लोगों को क्या कहा जाए आतंकवादी, महाशैतान या जल्लाद।
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