लखनऊ. उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग की लाख कोशिशो के बावजूद जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला और भष्टाचार थमता नजर नहीं आ रहा है. जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार शाम बुलंदशहर में जहरीली शरीब से हुई मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के 2 सहायक आबकारी आयुक्तों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल, योगी सरकार के कार्यकाल में आबकारी विभाग और अवैध शराब माफियाओं की मिलीभगत से बिकने वाली जहरीली शराब से अब तक करीब 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जिसको लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाती रही है. उसी के क्रम में बुलंदशहर में जहरीली शराब से 6 लोगों की मौत के मामले में कडी कार्रवाई की गई है. जिसमें सहायक आबकारी आयुक्त डीएन सिंह और संजय त्रिपाठी को निलंबित कर, दोनों सहायक आबकारी आयुक्तों को प्रयागराज स्थित आबाकारी विभाग के मुख्यालय से संबंध कर दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन के मुताबिक,’ सहायक आबकारी आयुक्त डीएन सिंह बीते 2 वर्षो से वेब आसवानी में तैनात थे.’ इस दौरान बीते दिनों मदिरा की भराई को लेकर उच्चाधिकारियों से जांच कराई गई थी. जिसमें मदिरा की तीव्रता निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं मिली थी. जिस पर कड़ा रूख अपनाते हुए सहायक आबकारी आयुक्त डीएन सिंह को निलंबित कर दिया गया है.
राजकीय कार्यों में शिथिलता का आरोप
और साथ ही बुलंदशहर में तैनाती के दौरान 6 लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत के मामले में सहायक आबकारी आयुक्त संजय त्रिपाठी को भी निलंबित किया गया है. और विभागीय कार्यो में लापरवाही के आरोप में निलंबित किये गये इन दोनों सहायक आबकारी आयुक्तों को आबकारी मुख्यालय सें संबद्ध कर दिया है. आबकारी आयुक्त ने बताया कि भविष्य में कोई अन्य अधिकारी और कर्मचारी अपने राजकीय कार्यों में शिथिलता बरतता है तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.
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