टेक कंपनी गूगल ने भारत में ऐप डेवलपर्स के लिए नया अपडेट जारी किया है। कंपनी ने डेवलपर्स को इन-ऐप खरीदारी के लिए मौजूदा बिलिंग ऑप्शन अप्लाई करने के फैसले पर सख्ती दिखाई है।
कंपनी ने कहा है कि डेवलपर्स को इन-ऐप खरीदारी के लिए के लिए तीन में से एक बिलिंग ऑप्शन अप्लाई करना ही होगा। इसके लिए कंपनी ने डेवलपर्स को एक डेडलाइन भी दी थी, जिसका समय निकल चुका है। ऐसे में अगर डेवलपर्स बिलिंग पॉलिसी को फॉलो नहीं करते हैं तो कंपनी इसके लिए सख्त कदम उठा सकती है।
गूगल की पॉलिसी पर सीसीआई की नजर
दरअसल गूगल का ये फैसला स्टार्टअप बॉडी अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (ADIF)के साथ चल रहे कानूनी विवाद को देखते जरूरी माना जा रहा है।
भारतीय स्टार्टअप ने गूगल के यूजर चॉइस बिलिंग (UCB) सिस्टम को लेकर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (competition regulator Competition Commission of India) के पास शिकायत दर्ज की है। सीसीआई इस मामले में सुनवाई कर रहा है। वहीं, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग गूगल की नई बिलिंग पॉलिसी पर अपनी नजरें बनाए हुए है।
बिलिंग पॉलिसी के लिए सेट हुई डेडलाइन
गूगल ने ऐप डेवलपर्स को कहा है कि, तीन में से किसी एक बिलिंग ऑप्शन को अप्लाई करने के लिए केवल 2 हफ्तों को समय दिया जा रहा है। कंपनी ने कहा है कि साल 2020 में भी डेवलपर्स को नई बिलिंग पॉलिसी को लेकर जानकारी दी गई थी।
गूगल ने कहा है कि हम बीते साल अक्टूबर आए सीसीआई के ऑर्डर का सम्मान करते हैं और इसी कड़ी में यूजर चॉइस बिलिंग को भारत के सभी डेवलपर्स के लिए अप्लाई करवाना चाहती है।
ऐप डेवलपर्स को भारत में मिलते हैं ये तीन बिलिंग ऑप्शन
गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम को लागू करना- इस ऑप्शन के साथ डेवलपर्स दुनिया भर के लाखों ग्राहकों के साथ लेन-देन कर सकते हैं। इसी के यूजर्स को सुरक्षित और एक सेट्रंल जगह से पेमेंट का ऑप्शन मिलता है।
भारतीय यूजर्स के लिए गूगल प्ले के साथ एक दूसरे बिलिंग ऑप्शन को पेश करना-ग्लोबल मार्केट तक पहुंच वाले ऐप डेवलपर वर्तमान में 35 बाजारों में उपलब्ध गूगल के यूजर्स की पसंद बिलिंग पायलट के हिस्से के रूप में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
बिना फी पे किए केवल कंजप्शन के आधार पर काम करें- यह ऑप्शन किसी भी डेवलपर को ऐप खुलने पर लॉगिन करने और कंटेंट पेड को कहीं दूसरे जगह से एक्सेस करने की सुविधा देता है।