
लखनऊ।। वर्ष 2023 का ‘आनन्द सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान’ चर्चित कहानीकार योगेंद्र आहूजा को दिया जाएगा। कथाक्रम सम्मान समिति के सदस्य कथाक्रम संयोजक शैलेन्द्र सागर, वरिष्ठ कहानीकार शिवमूर्ति, रंगकर्मी राकेश व चर्चित लेखिका रजनी गुप्त ने यह निर्णय लिया। यह सम्मान कथाक्रम समारोह में पांच नवंबर को लखनऊ में दिया जायेगा। बदायूं में जन्मे योगेंद्र आहूजा हिंदी कथा साहित्य के विशिष्ट एवं चर्चित हस्ताक्षर हैं। उन्होंने उत्तराखंड के काशीपुर व बरेली में शिक्षा ग्रहण की। उनकी रचनाएं हिंदी की प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं। ‘मर्सिया’, ‘गलत’, ‘एक पुरानी कहानी, ‘खाना’, ‘लफ्फाज’, कुश्ती, एक्यूरेट पैथोलॉजी उनकी प्रशंसित कहानियां हैं। उनका पहला कहानी संग्रह ‘अंधेरे में हंसी 2004 में प्रकाशित हुआ। उसके बाद दो अन्य संग्रह पांच मिनट’ व ‘लफ्फाज और अन्य कहानियां भी आ चुके हैं। इनके अतिरिक्त कथेतर गद्य की एक पुस्तक ‘टूटते तारों तल अभी हाल में प्रकाशित हुई है। उनकी कहानियों के अन्य भारतीय भाषाओं व जर्मनी में अनुवाद हो चुके हैं। उनकी कहानियों पर मंचन हुए, दूरदर्शन ने टेलीफिल्म बनाई। योगेंद्र आहूजा को कथा पुरस्कार परिवेश सम्मान, विजय वर्मा सम्मान, रमाकांत स्मृति पुरस्कार, स्पंदन सम्मान और प्रेमचंद स्मृति सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। हर वर्ष एक कथाकार को प्रतिष्ठित ‘आनंद सागर स्मृति कथाक्रम सम्मान दिया जाता है। इससे पहले संजीव, कमलाकांत त्रिपाठी, चंद्रकिशोर जायसवाल, मैत्रेयी पुष्पा, दूधनाथ सिंह, ओमप्रकाश बाल्मीकि, शिवमूर्ति, असगर वजाहत, भगवान दास मोरवाल, उदय प्रकाश, प्रियंवद, मधु कांकरिया, महेश कटारे, अब्दुल बिस्मिल्ला, स्वयं प्रकाश, तेजिन्दर, जयनंदन नासिरा शर्मा, अखिलेश, राकेश कुमार सिंह, जया जादवानी, मनोज रूपड़ा, एस आर हरनोट, नवीन जोशी, पंकज मित्र और हृषीकेश सुलभ को यह सम्मान दिया जा चुका है।
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