खाद्य विभाग ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी निर्यातक भारत ने चीनी के अनियंत्रित निर्यात को रोकने और उचित मूल्य पर घरेलू खपत के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पिछले साल 31 अक्टूबर, 2023 तक उक्त कमोडिटी को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बुधवार को घोषणा की है कि चीनी की सभी किस्मों के निर्यात पर प्रतिबंध 31 अक्टूबर से अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। पिछली बार भारत ने 2016 में विदेशी बिक्री को रोकने के लिए चीनी निर्यात पर 20% कर लगाया था। अधिसूचना में कहा गया है, “यह प्रतिबंध संबंधित सार्वजनिक नोटिस में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सीएक्सएल और टीआरक्यू कोटा के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात की जाने वाली चीनी पर लागू नहीं होगा।”
खाद्य विभाग ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी निर्यातक भारत ने चीनी के अनियंत्रित निर्यात को रोकने और उचित मूल्य पर घरेलू खपत के लिए चीनी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पिछले साल 31 अक्टूबर, 2023 तक उक्त कमोडिटी को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा था। भारत ने चीनी मिलों को चालू सीजन के दौरान 30 सितंबर तक केवल 6.1 मिलियन टन चीनी निर्यात करने की अनुमति दी, जबकि पिछले सीजन में उन्हें रिकॉर्ड 11.1 मिलियन टन चीनी बेचने की अनुमति दी गई थी।
मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र और दक्षिणी राज्य कर्नाटक के शीर्ष गन्ना उत्पादक जिलों में मानसून की बारिश- जो भारत के कुल चीनी उत्पादन के आधे से अधिक के लिए जिम्मेदार है – इस साल अब तक औसत से 50% कम रही है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने कहा कि 2023-24 सीजन में भारत का चीनी उत्पादन 3.3% घटकर 31.7 मिलियन टन रह सकता है।
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