केंद्रीय कर्मियों और पेंशनधारकों को अब महंगाई भत्ते की नई दरों से भुगतान किया जाएगा। अक्तूबर के वेतन के साथ ही नई दरों के हिसाब से ही वेतन का भुगतान होगा। इसमें जुलाई, अगस्त, सितंबर का एरियर भी शामिल होगा। साल की दूसरी छमाही के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है।
कैबिनेट ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में महत्वपूर्ण वृद्धि को मंजूरी दे दी है। महंगाई भत्ते को 42% से बढ़ाकर 46% कर दिया गया है। इस निर्णय से उनके मासिक भत्ते में वृद्धि होगी, जिसका उद्देश्य उन्हें जीवन यापन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करना है।
इस कदम से कार्यबल के एक बड़े हिस्से और सेवानिवृत्त कर्मियों को लाभ होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक चुनौतियों के बीच राहत मिलेगी। डीए वृद्धि का सटीक प्रतिशत और इसके कार्यान्वयन का विवरण जल्द ही घोषित किया जाएगा, जिससे प्रभावित व्यक्तियों को अधिक स्पष्टता मिलेगी।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के फैसले को त्योहारों से पहले सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा माना जा रहा है। बुधवार को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे है। अब केंद्रीय कर्मचारियों को 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिलेगा। इसे 1 जुलाई 2023 से लागू किया गया है। इसका फायदा 48 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।
अक्तूबर के वेतन के साथ नई दरों के आधार पर होगा भुगतान
केंद्रीय कर्मियों और पेंशनधारकों को अब महंगाई भत्ते की नई दरों से भुगतान किया जाएगा। अक्तूबर के वेतन के साथ ही नई दरों के हिसाब से ही वेतन का भुगतान होगा। इसमें जुलाई, अगस्त, सितंबर का एरियर भी शामिल होगा। साल की दूसरी छमाही के लिए महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है। चार फीसदी के उछाल के साथ महंगाई भत्ता 42 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हो गया है। सरकार की ओर से जल्द ही इस बारे में औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
सरकार ने पेंशनधारकों को भी दी राहत
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के अलावा पेंशनधारकों को भी सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए राहत दी है। उनके लिए भी चार फीसदी की समान दर से डीआर में बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी भी एक जुलाई 2023 से प्रभावी होगा। अब पेंशनधारकों को पेंशन के साथ डीआर की नई दरों के आधार पर भुगतान देय होगा। पेंशनर्स के लिए भी महंगाई भत्ते को बढ़ाकर 46 फीसदी कर दिया गया है।
कैबिनेट के अनुसार महंगाई भत्ते की बढ़ी दरों के चलते देश के खजाने पर करीब 17000 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कैबिनेट ने छह प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को भी मंजूरी दे दी है। अगले मार्केटिंग सीजन के लिए एमएसपी में सात फीसदी का इजाफा किया गया है।
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