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करंट में अटकी दुर्गम गांवों में मोबाइल के 4-जी नेटवर्क की राह

कई विकास खंडों का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा नेटवर्क विहीन है। केंद्र सरकार के 4जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत 13 जिलों में बीएसएनएल को 520 मोबाइल टावर लगाने हैं। इनमें से बीएसएनएल ने 467 टावर तक बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया है।
प्रदेश के दुर्गम गांवों में 4-जी मोबाइल नेटवर्क की राह में करंट का रोड़ा अटक गया है। दो लाख रुपये तक के खर्च के टावर तक तो यूपीसीएल कनेक्शन दे सकता है, लेकिन जिन 116 टावर तक बिजली लाइन पहुंचानी है, वहां खर्च कहीं अधिक आ रहा है।
लिहाजा, अब 86 के बजट का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। कई विकास खंडों का 60 फीसदी से अधिक हिस्सा नेटवर्क विहीन है। केंद्र सरकार के 4जी सेचुरेशन प्रोजेक्ट के तहत 13 जिलों में बीएसएनएल को 520 मोबाइल टावर लगाने हैं। इनमें से बीएसएनएल ने 467 टावर तक बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया है।

344 ने कनेक्शन शुल्क जमा कराया
इनमें 116 टावर ऐसे हैं, जिन तक बिजली पहुंचाने के लिए लाइन बनानी होगी, जिसका खर्च दो लाख से कहीं अधिक है। इनमें से 86 टावर पर कनेक्शन का बजट प्रस्ताव केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को भेज दिया गया है। बचे हुए 379 टावर के आवेदन में से 344 ने कनेक्शन शुल्क जमा कराया है। 44 टावर के लिए पूरा शुल्क जमा हो चुका है, जिनमें से 20 टावर पर बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है।

इस तरह कुल 520 में से 500 टावर ऐसे हैं, जिन पर अब तक बिजली कनेक्शन नहीं लग पाया। बायोमीट्रिक प्रणाली से राशन की सुविधा के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। नेटवर्क आने के बाद उन्हें आसानी होगी। इसी प्रकार, तमाम ऐसी सुविधाएं हैं जो कि नेटवर्क आने के बाद पहाड़ के लिए आसान हो जाएंगी।

बीएसएनएल ने 4-जी टावर के बिजली कनेक्शन के लिए अब तक 467 आवेदन किए हैं, जिनमें से 116 का खर्च दो लाख से ऊपर है। बाकी 379 में से 44 का शुल्क जमा हुआ है, 20 कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। जैसे-जैसे शुल्क जमा होगा, तत्काल कनेक्शन दिए जाएंगे, ताकि पहाड़ के दूरदराज गांवों तक 4-जी मोबाइल नेटवर्क पहुंचना आसान हो। -एमएल प्रसाद, निदेशक परिचालन, यूपीसीएल