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स्वतंत्रता सेनानियों से रूबरू कराएगी जेएनयू की दीवार, जल्द उद्घाटन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जल्द ही देश भर के एक हजार 40 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम वाली एक श्रद्धांजलि दीवार का उद्घाटन किया जाएगा। स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में युवा पीढ़ी के बीच जागरूकता फैलाने के लिए जेएनयू कन्वेंशन सेंटर के बाहर बनने वाली दीवार को हर महीने स्कूली बच्चों के लिए भी खोला जाएगा।                   

चक्र फाउंडेशन इसके निर्माण का प्रभारी है। दीवार को एक पुरानी फाइल के रूप में आकार दिया जाएगा। इसमें भारत माता की मूर्ति के साथ संगमरमर ग्रेनाइट पट्टिकाओं पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम उकेरे जाएंगे। साथ ही, इसके केंद्र में 100 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा।                 

विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि श्रद्धांजलि दीवार बनाने का काम पांच महीने पहले शुरू किया गया था। दीवार अब लगभग तैयार हो चुकी है। फरवरी 2024 तक इसका उद्घाटन होने की संभावना है। दीवार की ऊंचाई दस फीट और लंबाई 60 फीट होगी। उस पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम, उनके जीवित रहने के वर्ष और वे किस राज्य से थे जैसी जानकारी होगी।                     

दीवार के प्रत्येक तरफ शीर्ष पर देश का राष्ट्रीय प्रतीक का एक स्तंभ होगा। एक क्यूआर कोड होगा जिसे स्कैन करने पर आडियो, विजुअल में प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी की कहानियों को सुना या पढ़ा जा सकेगा। छात्र इन विवरणों को विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए बनाए गए एप के माध्यम से 12 अलग-अलग भाषाओं में पढ़ सकेंगे।                      

आजादी के 75 साल पूरे होने पर बनाई जा रही           

आजादी के 75 साल पूरे होने पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की याद में चेन्नई स्थित गैर सरकारी संगठन चक्र फाउंडेशन द्वारा जेएनयू परिसर में श्रद्धांजलि दीवार बनाई जा रही है।                

इस पहल के तहत जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, गुजरात और अंडमान और निकोबार सहित देश भर में 75 विभिन्न स्थानों पर दीवार का निर्माण किया जा रहा है। चक्र फाउंडेशन के संस्थापक राजशेखर ने कहा कि उनका उद्देश्य देश के उत्तरी और दक्षिणी दोनों हिस्सों के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में युवा पीढ़ी के बीच जागरूकता फैलाना है। केंद्र से मंजूरी के बाद आखिरकार पुडुचेरी, दिल्ली और कन्याकुमारी से शुरू होने वाली श्रद्धांजलि दीवार बनाने का काम शुरू कर सके हैं।           

उन्होंने कहा कि इस परियोजना को चक्र फाउंडेशन को मिल रहे डोनेशन के जरिए वित्त पोषित किया जा रहा है। इसके लिए दानदाताओं और परियोजना का समर्थन करने वालों के नाम श्रद्धांजलि दीवार के नीचे उकेरे जाएंगे।