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चंडीगढ़ : सतलुज-यमुना विवाद पर मनोहर और मान के बीच तीसरी बैठक आज

सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) विवाद पर गुरुवार को हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों की बीच बैठक होगी। शाम चार बजे आयोजित होने वाली बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच इस विवाद को लेकर यह तीसरी बैठक है। पहली दो बैठकें बेनतीजा रही थी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर एसवाईएल नहर के निर्माण से संबंधित किसी भी बाधा या मुद्दे को हल करने के लिए एक बैठक आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की थी। हालांकि मान ने भी बैठक में शामिल होने की इच्छा जताई थी, मगर वह पहले की तरह अड़े हैं कि उनके राज्य के पास साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है।

वहीं, मनोहर लाल कहते आए हैं कि एसवाईएल के निर्माण का राज्यों के बीच जल बंटवारे से कोई लेना-देना नहीं है। पानी के बंटवारे का विवाद अलग है, जो प्राधिकरण हल करेगा। हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एसवाईएल को लेकर चार अक्तूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने एक विस्तृत आदेश पारित किया है। इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि निष्पादन जल के आवंटन से संबंधित नहीं है।

हरियाणा सरकार ने उम्मीद जताई है कि इस मुद्दे को हल करने के लिए पंजाब सरकार सहयोग करेगी। इससे पहले दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच 14 अक्तूबर 2022 और चार जनवरी 2023 को बैठक हुई थी। पहली बैठक में जलशक्ति मंत्री भी मौजूद थे। हरियाणा सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि एसवाईएल नहर पर हुई सभी बैठकें पंजाब सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण बेनतीजा रही थीं।

एसवाईएल नहर का मुद्दा पिछले कई वर्षों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय बना है। हरियाणा यह भी मुद्दा उठाता रहा है कि एसवाईएल के नहीं बनने से उनके राज्यों के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। नहर का निर्माण पूरा होने से हरियाणा के किसानों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी उपलब्ध होगा, जिससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा बल्कि किसानों को अपनी आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।