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कतर में मौत की सजा पाए आठ भारतीयों को राहत

कतर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को सुनाई गई मौत की सजा को अपीलीय न्यायालय द्वारा कैद की सजा में बदले जाने के बाद भारत ने शुक्रवार को कहा कि अदालत के फैसले का अध्ययन करने और कानूनी परामर्श के बाद मामले में अगला कदम उठाया जाएगा।

कतर के अपीलीय न्यायालय ने पूर्व नौसैनिक अधिकारियों की तरफ से दायर मामले में सुनवाई करते हुए इन अधिकारियों को गुरुवार को राहत दी थी। पता चला है कि पूर्व नौसेना कर्मियों को दी गई जेल की सजा तीन से 25 साल तक है। यह भारतीय कूटनीति की बड़ी सफलता है।

26 अक्टूबर, 2023 को कतर के एक न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से ही नौसेना के पूर्व अधिकारियों को बचाने की कोशिश भारत सरकार ने शुरू कर दी थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, फिलहाल मेरे पास साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है।

सजाएं कम की गई हैं। जब तक हमारे पास विवरण नहीं है, मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता। हम निश्चित रूप से कानूनी टीम और परिवार के सदस्यों के साथ अगले संभावित कदमों पर चर्चा करेंगे। भारतीयों और उनके परिवार के सदस्यों के हित हमारी सबसे बड़ी चिंता हैं।

जब बागची से भारत और कतर के बीच सजायाफ्ता कैदियों को एक दूसरे देश में स्थानांतरित करने से संबंधित 2015 के समझौते के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ऐसा समझौता है। हालांकि, मुझे यह पता लगाना होगा कि कतर ने इसकी पुष्टि की है या नहीं। समझौते के तहत भारत और कतर के नागरिक अपने गृह देश में सजा काट सकते हैं। फ्रांस में रोके गए विमान के अधिकांश यात्री

भारत वापस आए

बागची ने कहा कि फ्रांस में रोके गए विमान में यात्रा करने वाले अधिकांश भारतीय भारत आ गए हैं।  जो लोग फ्रांस में रह गए हैं, उन्हें नई दिल्ली से आवश्यकता होने पर कांसुलर सहायता दी जाएगी। फ्रांसीसी अधिकारी स्थानीय कानूनों के अनुसार मामलों से निपट रहे हैं।

गौरतलब है कि मानव तस्करी के संदेह में ए-340 विमान को फ्रांस में रोक दिया गया था। इसमें 303 भारतीय यात्री सवार थे। यह विमान मंगलवार को 276 यात्रियों के साथ मुंबई पहुंचा। निज्जर हत्याकांड में दो संदिग्धों की

गिरफ्तारी को लेकर जानकारी नहीं

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में जल्द ही दो संदिग्धों की गिरफ्तारी होने की रिपोर्टों को लेकर अरिंदम बागची ने कहा, हमारे पास इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है। ग्लोब एंड मेल समाचारपत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, संदिग्ध वर्तमान समय में पुलिस सर्विलांस में हैं और आने वाले कुछ हफ्तों उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।

बागची ने कहा कि जर्मनी से बच्ची अरिहा की भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। भारत बर्लिन में अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है। अरिहा इस समय संरक्षण गृह में है। बागची ने कहा, अरिहा से मिलने के लिए कांसुलर पहुंच प्रदान की गई थी। मेरे पास इस समय कोई तत्काल अपडेट नहीं है।

दिल्ली के अति सुरक्षित माने जाने वाले चाणक्यपुरी इलाके में इजरायली दूतावास के पास कम तीव्रता वाले विस्फोट के मामले में अरिंदम बागची ने कहा, संबंधित एजेंसियां मामले को देख रही हैं। उन्हें अपनी जांच पूरी करने दीजिए। इजरायल द्वारा विस्फोट में ईरान के शामिल होने की संभावना जताने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे ऐसी किसी बात की जानकारी नहीं है।