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दिल्ली : जंगपुरा में बना पहला पेट पार्क निजी हाथों में देगा नगर निगम

जंगपुरा में बना पहला पेट पार्क नगर निगम निजी हाथों में देगा, इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसे चलाने, रखरखाव और इसका प्रचार प्रसार करने की पूरी जिम्मेदारी निजी ऑपरेटर के पास रहेगी। निजी ऑपरेटर अपने हिसाब से इसमें कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा और इसे चलाएगा।

एमसीडी ने पहली बार पालतू जानवरों और इनके मालिकों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके तहत जंगपुरा में 6.65 एकड़ में पहला पेट पार्क बनाया है। यदि कोई परिवार कुछ दिनों के लिए कहीं बाहर जाना चाहता है और पालतू जानवरों की देखभाल के लिए कोई नहीं है तो वह बेफिक्र होकर अपने पेट को इस पार्क में छोड़कर जा सकता है। यहां इसकी लाड़-दुलार के साथ देखरेख होगी।

पालतू जानवरों जैसे कि कुत्ता, बिल्ली इत्यादि के रहने, खाने, खेलने, तैराकी व चिकित्सा की सुविधा भी मिलेगी। इनके खेलने के लिए डॉग ट्रेल, चेन लिंक फैंसिंग इत्यादि की सुविधा की गई है। कंटेनरों के उपयोग से अलग अलग कमरे बनाए गए हैं। सितंबर 2021 में पार्क का निर्माण कार्य शुरू किया था, दस महीने पहले ये बनकर तैयार हो गया। इस पर निगम ने करीब 55 लाख रुपये खर्च किए हैं, लेकिन निगम ने इसके संचालन की जिम्मेदारी निजी हाथों में देने का निर्णय लिया है।

बेहतर ऑपरेटर की तलाश 
पेट पार्क के बेहतर उपयोग और खर्चे घटाने के लिए नगर निगम ने पीपीपी मॉडल के अंतर्गत इसे पांच साल के लिए निजी ऑपरेटर के हाथों में देने का निर्णय लिया है। इसके लिए सबसे बेहतर ऑपरेटर की तलाश की जा रही है। जल्द ही इसके लिए ऑनलाइन निविदा भी शुरू की जाएगी। बोलीदाता का चयन मासिक 50 हजार रुपये लाइसेंस शुल्क या इससे अधिक शुल्क के हिसाब से किया जाएगा।

कैफेटेरिया और क्लीनिक की सुविधा
पेट पार्क के अंदर कैफेटेरिया, पेट क्लीनिक और पेट शॉप खोलने के लिए 500 वर्ग फीट का वाणिज्यिक क्षेत्र निगम ने सुनिश्चित कर रखा है। निजी ऑपरेटर को ये एरिया उपयोग करने के लिए 100 रुपया प्रति वर्ग फीट से अधिक की दर से मासिक लाइसेंस फीस निगम को जमा करानी होगी। पार्क के अंदर फूड कियोस्क निर्माण की सुविधा भी मिलेगी। मासिक लाइसेंस की फीस तीसरे और पांचवें साल में 5 फीसदी की दर से बढ़ाई जाएगी। पांच साल के बाद निगम फिर इसके संचालन और रखरखाव के लिए नए सिरे से ऑनलाइन निविदा आमंत्रित करेगा।

निगम ने दिल्ली-एनसीआर में पहला पेट पार्क बनाया है। पहले बंगलूरू और ग्रेटर हैदराबाद में इस तरह के डॉग पार्क बनाए गए हैं। जंगपुरा पेट पार्क में डॉग ट्रेल, दौड़ने के लिए जगह, तैराकी, खुदाई, ट्रेलिंग और कुत्तों के लिए ट्रिक्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी। पेट के शौच के लिए एक समर्पित स्थान बना है। पालतू जानवरों के मल को इकट्ठा करने के लिए अपशिष्ट बैग डिस्पेंसर होगा। आगंतुकों के आराम करने के लिए एक कैफेटेरिया का प्रावधान है। इन तमाम सुविधाओं के लिए आगंतुकों को शुल्क देना होगा, जिसे अभी तय किया जाना है।

निगम ने दिल्ली-एनसीआर में पहला पेट पार्क बनाया है। पहले बंगलूरू और ग्रेटर हैदराबाद में इस तरह के डॉग पार्क बनाए गए हैं। जंगपुरा पेट पार्क में डॉग ट्रेल, दौड़ने के लिए जगह, तैराकी, खुदाई, ट्रेलिंग और कुत्तों के लिए ट्रिक्स जैसी सुविधाएं मिलेंगी। पेट के शौच के लिए एक समर्पित स्थान बना है। पालतू जानवरों के मल को इकट्ठा करने के लिए अपशिष्ट बैग डिस्पेंसर होगा। आगंतुकों के आराम करने के लिए एक कैफेटेरिया का प्रावधान है। इन तमाम सुविधाओं के लिए आगंतुकों को शुल्क देना होगा, जिसे अभी तय किया जाना है।