राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर सियासत जारी है। अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर लोगों के चंदे से बन रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये हमारी घोर आपत्ति है कि शंकराचार्य को अपमानित किया जा रहा है।
निर्मोही अखाड़ा से अधिकार क्यों छीना?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने कौन सा धर्म का ठेका ले लिया है, इनका राम मंदिर पर क्या अधिकार है। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि ये चंपत राय संघ के प्रचारक है और इन्होंने जमीन का घोटाला किया है, ताज्जुब होता है कि इन्हीं को प्रमुख बना दिया है। जबकि वहां की पूजा निर्मोही अखाड़ा करता था तो उनसे ये अधिकार क्यों छीना गया।
भाजपा पर साधा निशाना
दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्होंने पहले धर्म के नाम पर हिंदू मुसलमान को बांटा और अब ये भगवान राम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं होना चाहिए, भगवान राम सबके हैं। राजनीति में विचारों की लड़ाई होती है, लड़ाई होती है लोकतंत्र को बचाने की।
चुनाव में हार जीत होती रहती है
वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमारी कोई दयनीय स्थिति नहीं हुई, चुनाव में हार जीत होती रहती है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई विचारधारा की है, गांधीवादी विचारधारा और नेहरूवादी विचारधारा की। देश में जो नफरत और आग फैलाई जा रही है, हम उसके खिलाफ हैं।
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