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नफरती भाषण केस : अपर महाधिवक्ता की दलील- निचली अदालत का फैसला रखा जाए बरकरार

चुनाव के दौरान दिए गए नफरती भाषण मामले में आजम खां को दो साल की सजा हो चुकी है। उन्होंने इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में याचिका दाखिल की है। इसकी सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने कहा कि निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा जाए।       

नफरती भाषण के मामले में दो साल की सजा के खिलाफ दायर आजम खां की अपील पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने कहा कि सपा नेता को निचली अदालत ने विधि सम्मत साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद सजा सुनाई है।                      

निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा जाए। फिलहाल बहस पूरी नहीं हो सकी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। शहजादनगर थाने में दर्ज नफरती भाषण के मामले में निचली अदालत ने सपा नेता आजम खां को दोषी करार देते हुए दो साल की कैद व 2500 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी।            

इस फैसले के खिलाफ सपा नेता ने सेशन कोर्ट में अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई चल रही है। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह व सहायक शासकीय अधिवक्ता कुमार सौरभ ने सरकार की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सहायक शासकीय अधिवक्ता कुमार सौरभ ने बताया कि अभियोजन की बहस पूरी हीं हो सकी है। 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई होगी।            

मारपीट मामले में पीड़ित ने दर्ज कराए बयान             

सपा नेता आजम खां समेत छह लोगों के खिलाफ दर्ज मारपीट कर धमकाने के मामले में पीड़ित ने कोर्ट पहुंचकर बयान दर्ज कराए। कोर्ट ने जिरह के लिए 25 जनवरी की तारीख तय की है। सपा नेता के खिलाफ उनके पड़ोसी आरिफ रजा ने गंज थाने में 2019 में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया था कि सपा नेता आजम खां, फरहान खां समेत छह लोगों ने उनके साथ मारपीट की और धमकी दी। इस मामले में पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान आरिफ रजा ने अपने बयान दर्ज कराए। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि आरिफ रजा की मुख्य परीक्षा पूरी हो गई है। जिरह के लिए कोर्ट ने 25 जनवरी की तारीख तय की है।        

किसान नेता की अंतरिम जमानत 17 तक बढ़ी              

भाकियू टिकैत के प्रदेश महासचिव हसीब अहमद की अंतरिम जमानत की अवधि कोर्ट ने 17 जनवरी तक बढ़ा दी है। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। उनके खिलाफ अगस्त में भाजपा नेता फसाहत अली खां शानू ने मुकदमा दर्ज कराया था। सिविल लाइंस थाने में दर्ज इस मुकदमे में पुलिस ने पिछले माह किसान नेता को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई थी। बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई के बाद 17 जनवरी तक उनकी अंतरिम जमानत की अवधि कोर्ट ने बढ़ा दी।