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विश्व आर्थिक मंच की बैठक आज से, 3 केंद्रीय मंत्री करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की पांच दिवसीय 54वीं वार्षिक बैठक सोमवार से यहां शुरू हो रही है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, संघर्षों एवं फेक न्यूज जैसे कई संकटों से जूझ रही है। बैठक के लिए दुनियाभर के 2,800 से अधिक नेता यहां पहुंच रहे हैं। इनमें 60 से अधिक राष्ट्र एवं सरकारों के प्रमुख शामिल हैं।

बैठक में तीन केंद्रीय मंत्री करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व

बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व तीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी करेंगे। उनके साथ तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और सौ से ज्यादा सीईओ भी मौजूद रहेंगे। बैठक की औपचारिक शुरुआत से एक दिन पहले यूक्रेन के लिए शांति योजना पर चर्चा करने के लिए दावोस ने पहली बार 90 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक की मेजबानी की।

रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध होगा चर्चा का प्रमुख बिंदु

रूस-यूक्रेन युद्ध भी बैठक में इजरायल-हमास युद्ध के साथ चर्चा का एक प्रमुख बिंदु होगा। कई देशों में होने जा रहे चुनावों के इस वर्ष में बैठक में एआइ के उपयोग से डीप फेक के खतरे, जलवायु परिवर्तन, आर्थिक मंदी और दुनिया के सामने कई अन्य समस्याओं पर चर्चा होगी।

क्या है बैठक की थीम?

एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूईएफ के प्रेसिडेंट बार्ज ब्रेंडे ने कहा कि यह बैठक बेहद जटिल और सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक व भू-आर्थिक परिदृश्य में हो रही है। इस दौरान ब्रेंडे ने भारत को आठ प्रतिशत से अधिक जीडीपी वाला प्रमुख देश करार दिया। इस वर्ष की बैठक की थीम है- रीबिल्डिंग ट्रस्ट।

कई मुख्यमंत्री भी लेंगे हिस्सा

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में तीनों केंद्रीय मंत्रियों के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया शामिल हैं। साथ ही रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु एवं तेलंगाना के कई मंत्री भी बैठक में हिस्सा लेंगे।

 गौतम अदाणी, सहित कई सीईओ होंगे शामिल

भारतीय सीईओ में गौतम अदाणी, संजीव बजाज, कुमार मंगलम बिड़ला, एन. चंद्रशेखरन, नादिर गोदरेज, सज्जन जिंदल, रोशनी नादर मल्होत्रा, नंदन नीलेकणि, रिशाद प्रेमजी और सुमंत सिन्हा शामिल हैं।

बैठक में कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष ले रहे हिस्सा

बैठक में फ्रांस, यूक्रेन, दक्षिण कोरिया, स्विटजरलैंड, इराक, सिंगापुर व श्रीलंका के राष्ट्रपति; चीन, स्पेन, बेल्जियम, नीदरलैंड, कतर व वियतनाम के प्रधानमंत्री; अमेरिकी विदेश मंत्री व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार; प्रमुख पश्चिम एशियाई देशों के विदेश मंत्री, यूरोपीय आयोग की प्रेसीडेंट उर्सला वान और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भी हिस्सा ले रहे हैं।

 60-70 लाउंज में से करीब 12 भारत के

दावोस में आयोजन स्थल पर दुनियाभर से विभिन्न सरकारों और कारपोरेट ने 60-70 लाउंज स्थापित किए हैं, इनमें से लगभग दर्जनभर भारत के हैं। इनमें महिला नेतृत्व को दर्शाने वाला ‘वी लीड’ लाउंज और इंडिया एंगेजमेंट सेंटर के अलावा महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना व कर्नाटक के पैवेलियन और विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस व एचसीएल टेक जैसी बड़ी आइटी कंपनियों के पैवेलियन शामिल हैं।

इस बार भारतीय चाय, कॉफी, समोसा एवं कचौरी के अलावा कुछ बार, रेस्त्रां एवं लाउंज में दो शामों को ‘स्पिरिट आफ इंडिया आवर’ के दौरान भारतीय शराब भी उपलब्ध होगी। शीर्ष उद्योग संगठन सीआईआई ने भी इस बार बड़े अभियान की योजना बनाई है।