पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है, जो उनकी फिजिकल हेल्थ के लिए बेहद आवश्यक है। प्रेग्नेंसी न होने की वजह से, महिलाओं में हर महीने यूटेरस की लाइनिंग ब्रेक होती है और इस कारण से ब्लीडिंग होती है। यूटेरस इस लाइनिंग को बाहर निकालने के लिए खुद को कॉन्ट्रेक्ट करता है, जिस कारण से कई महिलाओं को पीरियड क्रैम्प्स का सामना करना पड़ता है। कई बार पीरियड्स कैम्प इतना इंटेंस होता है कि इसकी वजह से दिन के रोजमर्रा के कामों में तकलीफ हो सकती है। इसलिए इससे राहत पाने के लिए महिलाएं अक्सर दवाइयों का सहारा लेती हैं, लेकिन बार-बार पेन किलर लेना स्वास्थय के लिहाज से काफी हानिकराक हो सकता है। इसलिए पेन रिलीफ के लिए नेचुरल तरीकों को अपनाना अधिक फायदेमंद हो सकता है।
पीरियड क्रैम्प से राहत…
वैसे तो, ऐसी कई चीजें हैं, जो पेन रिलीफ में आपकी मदद कर सकते हैं, लेकिन अगर हम आपको बताएं कि आपकी फेवरेट चॉकलेट पीरियड पेन से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकता है तो क्या आप यकीन करेंगे? जी हां, डार्क चॉकलेट खाने से पीरियड क्रैम्प से राहत मिल सकती है। डॉ. क्यूटेरस के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर डॉ. तान्या ने एक पोस्ट शेयर कर बताया कि डार्क चॉकलेट खाने से पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्प्स से राहत मिल सकती है, लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि यह अनस्वीटेन्ड चॉकलेट हो न कि रेगुलर मिल्क चॉकलेट। इसका कारण यह है कि डार्क चॉकलेट में काफी अधिक मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो पेन रिलीफ में काफी मददगार होता है। हालांकि, डार्क चॉकलेट और भी कई फायदे होते हैं, जो सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद हो सकता है।
डार्क चॉकलेट के अन्य फायदे…
मूड बेहतर बनाता है- डार्क चॉकलेट खाने से हमारा ब्रेन, एंडोर्फिन रिलीज करता है, जिस कारण मूड अच्छा होता है और हम बेहतर महसूस करते हैं।
हार्ट डिजीज से बचाता है- इसमें फ्लेवेनॉइड पाया जाता है, जो दिल के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह ब्लड प्रेशर को कम करता है, जो दिल की बीमारियों से बचाव में मदद करता है।
ब्रेन हेल्थ के लिए फायदेमंद- इसमें फ्लेवेनॉल्स पाए जाते हैं, जो न्यूरोप्लास्टी बढ़ाने में मदद करता है, इस कारण से दिमाग की सेल्स हेल्दी रहती हैं और डिमेंशिया जैसी बीमारी से बचाव में मदद मिलती है।
एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर- इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाया जाता है, जो सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद होता है। एंटी-ऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल डैमेज से बचाव में भी मदद मिलती है।