भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपने कप्तानी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। रोहित ने अपनी सफल कप्तानी पर कहा कि वह अपने रिकॉर्ड से ज्यादा टीम को महत्व देते हैं। रोहित ने कहा कि टीम की कप्तानी करना कठिन भी है और सम्मान की बात है।
दिनेश कार्तिक के साथ जीओ सिनेमा पर खास बातचीत के दौरान रोहित शर्मा ने कहा कि भारतीय टीम की कप्तानी दिग्गज खिलाड़ियों ने की है। उनकी लिस्ट में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है। हाल ही में रोहित ऐसे दूसरे कप्तान बनाने थे जिन्होंने साउथ अफ्रीका में एमएस धोनी के बाद टेस्ट सीरीज ड्रॉ करवाई थी। इसके अलावा वह पहले एशियाई कप्तान बने थे जिनके नेतृत्व में केपटाउन में टेस्ट मैच जीतने का कमाल किया था।
‘मेरे लिए सम्मान की बात’
इंटरव्यू के दौरान रोहित ने कहा, यह काफी थका देने वाला है, लेकिन आप इसी के लिए आप जिम्मेदारी लेते हैं, तो मुझे लगता है कि जब मेरे पास टीम की कप्तानी करने का अवसर आया, तो मैं उत्साहित था। पिछले 7-8 वर्षों में, मैं उप-कप्तान के रूप में निर्णय लेने वाले मुख्य समूह का हिस्सा था। मैंने कई बार विराट की अनुपस्थिति में कमान भी संभाली, लेकिन अपने देश की कप्तानी करना एक बड़ा सम्मान है।
रोहित ने साझा किया अपना अनुभव
रोहित ने खिलाड़ियों को व्यक्तिगत स्कोर के बजाय मैच पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। साथ ही अपनी बल्लेबाजी स्टाइल में किए गए बदलाव पर खुलासा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि व्यक्तिगत आंकड़ों को बढ़ाने से ज्यादा टीम के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने 2019 वर्ल्ड कप में 5 शतक बनाने, लेकिन वर्ल्ड कप हारने के अपने अनुभव का हवाला दिया।
रोहित ने कहा, मैं एक निश्चित बदलाव लाना चाहता था। खिलाड़ी अपने आंकड़ों पर ध्यान न देकर अब स्वतंत्र होकर खेलते हैं। मैं टीम को उस पुरानी सोच से बाहर निकालना चाहता था। जैसे, मैंने 2019 वर्ल्ड कप में पांच शतक बनाए, लेकिन क्या हुआ उसका, हार गए ना।
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