गंगा आरती की तर्ज पर अब दिल्ली में भी यमुना आरती शुरू होगी। इसके लिए यमुना के वासुदेव घाट को तैयार किया गया है। अगले दो महीने में विधिवत रूप से यमुना आरती का आयोजन किया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की देखरेख में इस घाट को तैयार किया गया है। ताकि हरिद्वार और वाराणसी में गंगा आरती की तर्ज पर पावन यमुना आरती हो सके। निगम बोध का संचालन करने वाली संस्था को ही इसके आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के अनुसार उपराज्यपाल के प्रयासों से दिल्ली में यमुना आरती शुरू की जा रही। इस दिशा में दिल्ली सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बिधूड़ी ने याद दिलाया कि कि 14 नवंबर 2015 को यमुना आरती के दौरान उन्होंने यह वादा किया था कि दिल्ली में प्रतिदिन शाम को यमुना आरती की जाएगी लेकिन वह उस वादे को पूरी तरह भूल गए। उस समय यमुना किनारे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें यमुना को मां बताया गया था।
यही नहीं, उन्होंने यमुना के किनारे संकल्प लिया था कि तीन सालों में ही यमुना साफ हो जाएगी, मगर उन्होंने यमुना मैया से किया वह संकल्प भी भुला दिया। दिल्ली की जनता से वादा करते रहे हैं कि वह यमुना में डुबकी लगाएंगे लेकिन यमुना लगातार और मैली होती जा रही है। केंद्र सरकार के साढ़े आठ करोड़ रुपये का भी किसी तरह का प्रयोग नहीं किया। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार से इसका हिसाब मांग रही है, पत्र लिख रही है लेकिन जवाब तक नहीं मिल रहा। बिधूड़ी ने कहा कि अब यमुना किनारे आरती तो होगी लेकिन दिल्ली की जनता को यह मलाल रहेगा कि वह मैली यमुना के किनारे आरती कर रही है।
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