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धारावी की झुग्गी में रहने वाले उमेश कीलू 13वें प्रयास में बने लेफ्टिनेंट

जब कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो सफलता कदम चूमती है। मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी में पले-बढ़े उमेश कीलू आखिरकार अपने 13वें प्रयास में सेना के अफसर बन गए। कीलू शनिवार को चेन्नई में आफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) से अपना पाठ्यक्रम पूरा कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए। वह धारावी झुग्गी बस्ती के पहले युवा हैं जो सेना में अधिकारी बने हैं।

उमेश मूलतः आंध्र के हैं, लेकिन उनका जन्म और पालन-पोषण सायन कोलीवाड़ा झुग्गी बस्ती में हुआ। धारावी की झुग्गी बस्ती में उनका 10 गुणा 10 फुट का घर था। उनके पिता पेंटिंग करते थे, लेकिन 2013 में उन्हें लकवा मार गया। बाद में उनका निधन हो गया और परिवार की कमाई बंद हो गई। इस दौरान उमेश ने आईटी में विज्ञान स्नातक की डिग्री और कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने एनसीसी एयर विंग में भी काम किया और ‘सी’ प्रमाणपत्र हासिल किया।