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उत्तरकाशी: 60वीं वर्षगांठ पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करेगा निम

अपनी 60वीं वर्षगांठ पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करेगा। संस्थान अगले साल 2025 में अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूरे करने जा रहा है। हालांकि संस्थान ने इसी साल से डायमंड जुबली ईयर मनाना शुरू कर दिया है।

देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू की स्मृति में उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की स्थापना वर्ष 1965 में हुई थी। यह देश के प्रसिद्ध पर्वतारोहण संस्थानों में से एक है। स्थापना से लेकर अब तक संस्थान ने कई बड़ी उपलब्धियां अपने नाम की हैं। संस्थान ने इसी साल से अपना डायमंड जुबली ईयर मनाना शुरू कर दिया है। इसे खास बनाने के लिए संस्थान ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) फतह करने की योजना तैयार की है।

निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमान भदौरिया ने बताया कि डायमंड जुबली ईयर उत्सव के तहत अगले साल माउंट एवरेस्ट आरोहण प्रस्तावित है। इससे पूर्व भी दो बार वर्ष 2009 और 2021 में संस्थान का दल सफलतापूर्वक माउंट एवरेस्ट पर आरोहण कर चुका है।

संस्थान को विश्व के मानचित्र पर लाने का इरादा है। इसके लिए प्रशिक्षण, अवस्थापना विकास व उपकरणों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। देश-विदेश के बड़े संस्थानों के साथ मिलकर संयुक्त प्रशिक्षण व पर्वतारोहण अभियानों को अंजाम देने के लिए भी प्रयासरत हैं। -कर्नल अंशुमान भदौरिया, प्रधानाचार्य निम।

अब तक 31 हजार से ज्यादा को दिया प्रशिक्षण
संस्थान अब तक पर्वतारोहण के बेसिक, एडवांस, मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन, सर्च एंड रेस्क्यूृ आदि कोर्सेज में 31500 युवाओं को प्रशिक्षण दे चुका है। जिसमें 691 विदेशी भी शामिल हैं। निम के बेसिक और एडवांस कोर्सेज के लिए तो युवाओं में खासा उत्साह रहता है। जिसके चलते इनमें एडवांस बुकिंग भी रहती है।

ये हैं बड़ी उपलब्धियां
केदारनाथ पुननिर्माण-वर्ष 2013 में आई केदारनाथ आपदा में निम ने राहत एवं बचाव कार्य के साथ पुननिर्माण में बड़ी भूमिका निभाई थी। तब निम के तत्कालीन प्रधानाचार्य कर्नल अजय कोटियाल के नेतृत्व में संस्थान की टीम केदारनाथ रवाना हुई थी।

इनडोर क्लाइंबिंग वॉल-निम ने अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार देश की पहली इंडोर स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग आर्टिफिशियल वॉल तैयार की है। जिसमें ऑटो विले मशीन से रोप अपने आप रिलीज होती है।

हिमालय संग्रहालय-निम ने करीब 15 करोड़ रुपए की लागत से हिमालय संग्रहालय तैयार किया है। जिसमें पर्वतारोहण के साथ हिमालय की लोकसंस्कृति, कला से जुड़ी वस्तुओं को सहेजा गया है। हालांकि अभी इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है।

अनाम चोटियों पर आरोहण-निम ने वर्ष 2018 में उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड के साथ संयुक्त अभियान में रक्तवन क्षेत्र में चार अनाम चोटियों पर आरोहण किया था। जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने भी उपलब्धि के रूप में दर्ज किया है।

एवरेस्ट अभियान-वर्ष 2009 के अलावा वर्ष 2021 में निम एवरेस्ट अभियान में शामिल रहा है। 2021 में निम और जम्मू-कश्मीर स्थित जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग (जिम) के संयुक्त छह सदस्यीय अभियान दल ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था।

नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग चैंपियनशिप-निम ने वर्ष 2022 में पहली बार तीन दिवसीय नेशनल स्पोर्ट्स क्लाइंबिंग चैंपियनशिप की मेजबानी की थी। जिसमें करीब 150 क्लाइंबर शामिल हुए थे।

एमटीबी साइकिलिंग अभियान-पिछले साल निम ने एमटीबी साइकिलिंग अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया था। जिसके तहत सीमांत नेलांग घाटी से साइकिलिंग शुरूकर 11 जिलों से होते हुए कुल 1062 किमी दूरी तय की गई थी।