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एनआईए ने पीएफआई पटना मामले में एक और आरोपी के खिलाफ दायर किया पूरक आरोप पत्र

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बिहार की राजधानी पटना में प्रतिबंधित ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) की गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से संबंधित मामले में एक और आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

अब तक 40 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि पीएफआई की राज्य इकाई के उपाध्यक्ष मोहम्मद रेयाज मोआरिफ उर्फ ​​बबलू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है और इसी के साथ मामले में अब तक जिन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, उनकी संख्या बढ़कर 40 हो गई है। प्रवक्ता ने बताया कि जांच से पता चला कि केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भी मोआरिफ इस संगठन के बैनर तले गैरकानूनी और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल था।

मुस्लिम युवाओं को PFI में शामिल करने का काम कर रहा था आरोपी
अधिकारी ने बताया कि आरोपी मुस्लिम युवाओं को पीएफआई में शामिल करने के लिए उन्हें कट्टरपंथी बनाने का काम सक्रिय रूप से कर रहा था। उन्होंने बताया कि वह उनके लिए हथियार प्रशिक्षण का प्रबंध भी कर रहा था और प्रतिबंधित संगठन के हिंसक एजेंडे एवं गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए धन भी इकट्ठा कर रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि पीएफआई के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों के तहत मोआरिफ ने आरोपियों सनाउल्लाह, अतहर परवेज और जलालुद्दीन खान के साथ मिलकर पीएफआई सदस्यों की बड़े पैमाने पर भर्ती, प्रशिक्षण और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए पटना में फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस में किराए के आवास की व्यवस्था की थी।

प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए ने आरोपियों के पास से पीएफआई के दृष्टिकोण संबंधी दस्तावेज ‘भारत 2047 इस्लाम के शासन की ओर, आंतरिक दस्तावेज: प्रसार के लिए नहीं’ और अन्य आपत्तिजनक लेख जब्त किए हैं, जो ‘भारत में इस्लाम का नियम” स्थापित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संगठन की बड़ी साजिश को उजागर करते हैं।