समाजवादी पार्टी ने पीलीभीत जिले में साइकिल दौड़ाने की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री भगवतसरन गंगवार को दी है। बुधवार देर शाम सपा (इंडिया गठबंधन) ने उन्हें पीलीभीत सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी के एक्स हैंडल पर प्रत्याशियों की सूची पोस्ट की गई। पूर्व मंत्री का नाम घोषित होते ही सियासी माहौल गर्म हो गया। चुनावी गलियारों में हार-जीत का गुणा-भाग लगने लगा।
एक दिन पहले जिले के पदाधिकारियों के साथ मंथन के बाद सपा ने देर शाम पूर्व मंत्री भगवतसरन गंगवार के नाम पर मुहर लगा दी। जिलाध्यक्ष की अगुवाई में वह भी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले थे।
पूर्व मंत्री के टिकट से पार्टी ने जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है। पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र की पांच विधानसभाओं में पीलीभीत सदर, पूरनपुर, बीसलपुर, बरखेड़ा व बरेली जिले की बहेड़ी सीट शामिल है। जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम, कुर्मी व लोध मतदाताओं की संख्या निर्णायक मानी जाती है। बरेली की नवाबगंज विधानसभा से कई बार विधायक रहे भगवतसरन के आने से चुनाव रोचक हो गया है।
पांच बार विधायक चुने गए हैं भगवतसरन गंगवार
बरेली के नवाबगंज तहसील क्षेत्र के निवासी भगवतसरन गंगवार पांच बार विधायक चुने गए हैं। सपा सरकार में वह मंत्री भी रहे। पूर्व में बरेली सीट पर सपा से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के पूर्व मंत्री रहे हेमराज वर्मा ने 4.48 लाख मत प्राप्त किए थे। चुनाव वरुण गांधी जीते थे।
हेमराज वर्मा के भाजपा में आ जाने के बाद से सपा मजबूत उम्मीदवार की तलाश में थी। सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा ने बताया कि पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार का अधिकृत रूप से टिकट घोषित कर दिया गया है। इंडिया गठबंधन पूरी ताकत से चुनाव में जुटेगा और जीतेगा।
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