देहरादून: उत्तराखंड में अभी लोकसभा चुनाव संपन्न हुए ही हैं , उसके तुरंत बाद ही धामी सरकार की गड़बड़ करने वाले अधिकारियों पर नज़र टेडी हो गई हैं। इन दिनों प्रदेश के मुखिया के चुनाव की व्यस्तता के कारण कई विभागों के अधिकारी मलाई काटने में लगे हुए थे । उनको लगता था की चार जून तक तो आलाकमान व्यस्त रहेंगे और उनकी गड़बड़ पर ऊपर वालों की नज़र नहीं जायेगी । लेकिन धामी सरकार ने इस चुनावी व्यस्तता में भी बिजलेंस की टीमों को लगाकर कई विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट तैयार करवा ली हैं जिनमें लोक निर्माण विभाग, आबकारी, खनन , परिवहन और कई बड़े विभागों के कई अधिकारी शामिल हैं। इन सभी विभागों में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की सूची तैयार कर ली गई हैं और बहुत जल्द धामी सरकार का चाबुक इन हरफ़नमौला अधिकारियों पर चलने वाला हैं।
इस कार्रवाई की खबर लीक होने से घोटालेबाज़ और डुबकी मार कर पानी पीने वाले चालाक और घाघ अधिकारियों में खलबली मच गई हैं। जो अभी तक शासन सत्ता से नज़दीक होने और अपने रसूख़ की दुहाई देते फिरते थे , धामी के सख़्त मिज़ाज को भाँप कर सकते में हैं। खनन निदेशक पैट्रिक पर हुई कार्रवाई ने शासन में अपनी फ़र्ज़ी पकड़ और पहुँच का गुणगान कर के माल बटोरने वाले जगलर अधिकारियों की शिट्टी पिट्टी गुम कर दी हैं। सूत्रों का तो यह भी कहना हैं कि पैट्रिक तो बस बानगी भर हैं अभी कई विभागों में छुपे पैट्रिको पर धामी का क़हर टूटने वाला हैं । ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने वाली धामी सरकार यह सख़्त मैसेज देना चाहती है की अधिकारी कितना भी बड़ा और रसूख़दार क्यों न हो , गड़बड़ की तों बक्सा नहीं जायेगा
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