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गोरखपुर: रामगढ़ताल में होगी देश की पहली सेलिंग प्रीमियर लीग

शहर के लोगों को रामगढ़ताल में रोइंग के बाद अब सेलिंग का भी रोमांच देखने को मिलेगा। देश में पहली बार सेलिंग प्रीमियर लीग का आयोजन होने जा रहा है। इसकी मेजबानी गोरखपुर को मिली है। नवंबर के अंतिम सप्ताह में यह प्रतियोगिता रामगढ़ताल में आयोजित होगी। इसमें देशभर के खिलाड़ी शामिल होंगे।

प्रतियोगिता का आयोजन भारतीय सेना, मुख्यालय मध्य कमान और उत्तर प्रदेश सरकार के तत्वाधान में होगा। बुधवार को इसको लेकर कमिश्नर सभागार में बैठक आयोजित हुई। इसमें प्रतियोगिता का तिथि को लेकर बात हुई। प्रतियोगिता के लिए कमिश्नर अनिल ढींगरा को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। यह प्रतियोगिता दर्शकों के लिए भी रोमांचक होगी।

प्रतियोगिता ओपन केटेगरी में होगी और विजेताओं को नगद पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इसमें पुरुष और महिला दोनों वर्ग के खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकेंगे। आयोजकों की कोशिश है कि इसमें कुछ ओलंपिक में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ी भी इसमें शामिल हों।

गोरखपुर में इसके आयोजन से इस खेल को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही यहां के युवाओं के लिए भी इसमें अपना भविष्य बनाने का मौका मिलेगा। बैठक के दौरान मध्य कमान मुख्यालय के मुख्य अभियंता मेजर जनरल सी जयचंद्रन, लेफ्टिनेंट कर्नल आलोक यादव, लेफ्टिनेंट कर्नल कीर्ति, सेना से सब एस चतुर्वेदी, यूपी रोइंग संघ के सचिव सुधीर शर्मा, आरएसओ आले हैदर और रोइंग कोच गणेश निषाद मौजूद रहे।

क्या होती है सेलिंग?
सेलिंग मुख्य रूप से समुद्र और लहरों के बीच में खेला जाने वाला खेल है, जिसमें बोट के ऊपर एक पर्दे नुमा कपड़ा होता है जिसको लहरों पर उठती हवाओं के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है और उसी के हिसाब से आगे बढ़ते हुए खिलाड़ी जीत हासिल करता है। रामगढ़ताल का पानी और यहां की हवा इसके लिए अनुकूल है, इसीलिए प्रतियोगिता के लिए इसका चयन किया गया है। इसे साथ ही बगल में वॉअर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स भी इसके लिए मददगार है।

जल्द शुरू होगी ट्रेनिंग
सेलिंग एक ओलंपिक खेल है लेकिन भारत और खास तौर से यूपी में यह उतना लोकप्रिय नहीं है। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए उत्तर प्रदेश की एक टीम बनाई जाएगी। साथ ही गोरखपुर में ही इसके लिए प्रशिक्षण भी होगा ताकि प्रतियोगिता से पहले यहां के खिलाड़ियों की अच्छी तैयारी हो सके। आयोजन का उद्देश्य नौकायन के खेल को व्यापक आधार देना और राज्य में खेल पर्यटन की अवधारणा को बढ़ावा देना है।