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आगरा बना काले कारोबार का सबसे बड़ा मार्केट, 10 साल में 400 करोड़ की नकली दवाएं

आगरा में 10 साल में 400 करोड़ की नकली दवाएं बरामद हो चुकी हैं। कैंसर की दवाओं के साथ किडनी, ह्रदय रोग, डायबिटीज, हड्डी रोग, खांसी और बुखार तक की नकली दवाएं यहां मिल चुकी हैं। आगरा से ही पूर्वांचल के बाजार को नकली दवाएं भेजने के रैकेट का पर्दाफाश हो चुका है।

आगरा से पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक नकली दवाओं की सप्लाई हो रही है। अवैध कारोबार पर कई बार पुलिस और औषधि विभाग ने छापेमारी की। करोड़ों की दवाओं को जब्त कर मुकदमे तक लिखे गए, लेकिन हर बार दवा माफिया लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

आगरा में कफ सिरप, एंटीबायोटिक दवाएं, कैंसर, हृदय, किडनी, लीवर जैसी गंभीर रोगों की नकली दवाई पकड़ी जा चुकी हैं। गई है। पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बांग्लादेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश समेत 10 से अधिक राज्यों में यह रैकेट फैला हुआ है

ये हो चुके बड़े मामले
– बीते साल बिचपुरी में नकली कफ सिरप की फैक्टरी में 6 करोड़ से अधिक की दवाएं मिली थीं।
– 8 जुलाई को बिचपुरी में दो गोदाम से 50 लाख रुपये की दवाएं मिली, इनमें 36 नमूनों में 19 नमूने जांच में फेल हो गए
– वर्ष 2021 में आवास विकास काॅलोनी के सेक्टर 12 में चल रही फर्म राजौरा डिस्ट्रीब्यूटर्स में एक्सपायर हो चुकी दवाइयों को दोबारा री पैकिंग करने पर पकड़ा था। 40 लाख की दवा समेत एक करोड़ रुपये का माल भी जब्त किया गया।
– बीते साल ही एमएच फॉर्मा पर छापे में नामी कंपनियों के लेबल वाली पांच लाख रुपये की दवाएं मिली थीं। जांच में 14 दवाएं नकली मिलीं।