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दिल्ली मेट्रो ने चौथे चरण में कॉरिडोरों के निर्माण कार्य में दिखाई तेजी

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) अपने चौथे चरण के विस्तार कार्य में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका लक्ष्य 2026 तक 65 किलोमीटर नई लाइनों वाले सभी तीन प्राथमिकता वाले कॉरिडोर खोलना है। हालांकि विस्तार के चौथे चरण का काम दिसंबर 2019 में अंतिम रूप देने के तुरंत बाद शुरू हो गया था, लेकिन कोविड महामारी और पेड़ काटने की अनुमति मिलने में देरी के कारण 2020 से 2022 तक कार्य की प्रगति लगभग तीन वर्षों तक काफी प्रभावित रही।

डीएमआरसी पिछले दो वर्षों से ही चौथे चरण की परियोजना पर लगातार काम कर रही है, जिससे संगठन को वर्ष 2026 तक पूरा काम पूरा करने के लिए लगभग चार वर्ष का समय मिला है।

फिलहाल तीनों कॉरिडोर पर 50 प्रतिशत से अधिक काम हो चुका है। मजलिस पार्क-मौजपुर सेक्शन पर सिविल कार्य पहले ही लगभग 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है। एरोसिटी-तुगलकाबाद (गोल्डन लाइन) और जनकपुरी पश्चिम-आर.के.आश्रम मार्ग (मैजेंटा लाइन) कॉरिडोर पर विभिन्न हिस्सों पर सुरंग बनाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोविड के दौरान कई अनुमतियों में देरी के बावजूद जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन तक अब लगभग पूरा हो गया है और इसके अगस्त, 2024 तक खुलने की संभावना है। मजलिस पार्क-मौजपुर कॉरिडोर भी अगले वर्ष के दौरान खुलने की संभावना है। प्राथमिकता वाले कॉरीडोरों के बाकी हिस्सों को वर्ष 2026 तक चरणबद्ध तरीके से खोले जाने की उम्मीद है। हालाँकि, अलग-अलग स्थानों पर पेड़ों को काटने की अनुमति और भूमि अधिग्रहण का अभी भी इंतजार है।

डीएमसआरसी के मुख्य कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि इस परियोजना की दिन-प्रतिदिन विभिन्न स्तरों पर निगरानी की जा रही है। काम में तेजी लाने के लिए उच्चतम स्तर पर निर्माण स्थलों का दौरा भी किया जा रहा है। पेड़ काटने की अनुमति के लिए समुचित स्तरों पर प्रयास भी किए जा रहे हैं।

चौथे चरण के तहत दो और कॉरिडोर, इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ और साकेत जी ब्लॉक-लाजपत नगर को भी हाल ही में मंजूरी मिली है। डीएमआरसी वर्तमान में संबंधित अधिकारियों से भूमि अधिग्रहण सहित वैधानिक मंजूरी के लिए प्रक्रिया कर रही है। वन मंजूरी और पेड़ काटने की अनुमति भी उचित स्तरों पर ली जा रही है। सिविल कार्यों के लिए योजना और निविदा के संबंध में आगे की प्रक्रियाएँ प्रगति पर हैं।