वाल्मीकि नगर बैराज से दो दिन पहले चार लाख 40 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया था। उस पानी का एक अंश यानी करीब 3 लाख 30 हजार क्यूसेक पानी का बहाव गोपालगंज में मंगलवार को हो रहा है।
साढ़े तीन लाख क्यूसेक पानी गोपालगंज क्षेत्र में आने से सदर प्रखंड और मांझागढ़ प्रखंड के आधा दर्जन पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाके वाले गांव में पानी भर गया है। गांव में जाने वाले सड़कें पानी में डूब गई है। बाढ़ से घिरे होने की वजह से लोग ऊपरी इलाकों की तरफ पलायन कर रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी समस्या यहां पर नाव की है।
गोपालगंज के सदर प्रखंड और मांझागढ़ प्रखंड में पानी बढ़ने के बावजूद अभी तक पूरे इलाके को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया गया है। इस वजह से जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।
सदर प्रखंड और माझागढ़ प्रखंड के आधा दर्जन पंचायतें गंडक के निचले इलाके में आती हैं। इस वजह से गंडक के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से इन पंचायत के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर जाते हैं। बाढ़ का पानी बढ़ने से आवागमन बाधित हो गया है। लोगों के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है। जिन लोगों को नाव नहीं मिल पाता है, उन्हें पैदल पानी में चलकर अपने घरों तक पहुंचाना पड़ता है।
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