उत्तराखंड में पिरूल खरीद के दाम बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार हो गया है। इसमें पिरुल खरीदने की कीमत 50 रुपये प्रति किग्रा की दर से निश्चित की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद ही यह प्रस्ताव तैयार हुआ है। अब केवल सरकार की मुहर लगने का इंतजार है जिसके बाद स्थानीय लोग पिरूल से प्रति दिन 2500 से 3000 रुपये कमा सकते हैं।
दरअसल, राज्य में हर साल सैकड़ों हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की चपेट में आ जाता है। इससे वन क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के इलाकों में जनहानि का खतरा बना रहता है। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार ने दाम बढ़ाकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा पिरुल उठाने के लिए प्रेरित किया है। वहीं वन विभाग द्वारा इस योजना की सराहना की गई है। उनका मानना है कि पिरुल के दाम 50 रुपये प्रति किग्रा हुए तो बड़ी संख्या में लोग इस योजना से जुड़ेंगे।
वन विभाग का अनुमान है कि चीड़ वनों में प्रतिदिन एक हेक्टेयर में 400 से 600 किग्रा पिरुल गिरता है। एक दिन में एक व्यक्ति 50 से 60 किग्रा पिरुल एकत्रित कर बेच सकता है। यदि इसकी कीमत 50 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से मिलेगी तो उसे रोजाना 2500 से 3000 रुपये की आमदनी होगी। इसके अतिरिक्त बड़े फायदे को देखते हुए स्थानीय लोग अत्यधिक संख्या में इस योजना में जुड़ सकते है।
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