उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अग्निवीरों के लिए बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने UP पुलिस और PAC में आरक्षण देने का ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि अग्निवीर जब अपनी सेवा के बाद वापस आएंगे, उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस सेवा में, पीएसी में इन नौजवानों को प्राथमिकता के आधार पर समायोजन की सुविधा देगी। उनके लिए एक निश्चित आरक्षण की सुविधा उत्तर प्रदेश पुलिस में उपलब्ध कराएंगे..
आप को बता दें कि ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ पर नये सिरे से चर्चा हो रही है। सरकार ने सेना के तीनों अंगों में औसत आयु वर्ग को युवा रखने के उद्देश्य से 2022 में ‘अग्निपथ भर्ती योजना’ शुरू की थी। इस योजना में साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल की अवधि के लिए अग्निवीर के रूप में भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को अगले 15 वर्षों तक बनाये रखने का प्रावधान है।
अग्निवीर योजना को लेकर विपक्ष ने उठाए कई सवाल
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि चार साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद शेष 75 प्रतिशत अग्निवीरों का क्या होगा। लगभग 90,000 कर्मियों वाली आईटीबीपी को मुख्य रूप से चीन के साथ लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रखवाली करने के अलावा कई तरह की आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी भी निभानी होती है।
जानिए अग्निवीरों को कितनी मिलती है सैलरी
चार साल की नौकरी में अग्निवीर को पहले साल 30,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी। दूसरे साल में हर महीने 33000 रुपये, तीसरे साल में 36,500 रुपये और चौथे साल 40,000 रुपये मासिक सैलरी मिलेगी. इसमें हर महीने सैलरी से 30 फीसद अमाउंट कटेगा और इतनी ही राशि सरकार देगी। एक सामान्य सैनिक के लिए 25 से लेकर 45 लाख के बीच तक की अनुग्रह राशि हो सकती है। वैसे अलग से भी दोनों अग्निवीर और सामान्य सैनिक को शहीद होने पर सहायता मिलती है।
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