उत्तराखंड की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को यहां नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लिया और कहा कि पहाड़ी राज्यों की भौगोलिक स्थितियां मैदानी क्षेत्र की तुलना में भिन्न है, इसलिए देश के सभी हिमालयी राज्यों के विकास के लिए अलग नीति बनाई जानी चाहिए।
धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यहां नीति आयोग की बैठक में कहा कि पिछले वर्ष आयोग की आठवीं बैठक में हिमालयी राज्यों के विकास से संबंधित कुछ प्रस्ताव रखे गए थे और उनको ध्यान में रखते हुए हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीतियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखंड भी निरंतर कार्य कर रहा है। आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य होने के कारण इस बार के केन्द्रीय बजट में उत्तराखंड के लिए विशेष वित्तीय प्राविधान किए जाने पर उन्होंने मोदी का आभार जताया। उन्होंने बैठक में कहा कि हाल में जारी सतत विकास लक्ष्य सूची की रैंकिंग में राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है और ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक पारित करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का संकट है। उत्तराखंड ने इस समस्या के समाधान के लिए जल संरक्षण एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने तथा हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की परियोजना पर कार्य करने के लिए एक प्राधिकरण का गठन किया है और इसके लिए केंद्र से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया गया है।
धामी ने ऊर्जा कमी पूर्ति के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया। पीएम कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया। ग्लोबल वार्मिंग तथा जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार इकोलॉजी और ईकॉनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए एआई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
Fark India | National Hindi Magazine Hindi Magazine and Information Portal