बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में मानसून मेहरबान हुआ तो नालंदा के पश्चिम से बहने वाली लोकाइन नदी का भी जलस्तर बढ़ गया। हालांकि नालंदा की अन्य नदियां अब भी पानी के बिना सूखी पड़ी हैं। नदी में पानी देख, जहां किसानों के चेहरे पर खुशी लौट आई है। वहीं, अब कुछ इलाकों में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है। नदी में बने तटबंध कुछ जगह टूट भी गए हैं। इसकी वजह से नदी का पानी खेतों में घुस गया है। इसके साथ ही दर्जन भर गांव भी पानी से घिर गए हैं।
नदी का तटबंध टूटने से गांवों में घुसा पानी
नदी में आए तेज बहाव के कारण धुरी बीघा गांव के पास करीब 20 फुट तक तटबंध टूट गया है। इसके कारण धुरी बीघा, फुलवरिया, छियासठ बीघा मुरलीगढ़, सोहरापुर, कुसेता और राढ़ील छिलका से पश्चिम तटबंध टूटने के कारण खेतों में पानी घुस गया, जबकि धाना बीघा गांव से पूर्व तटबंध टूटने के कारण धाना बीघा, बेलदारी बीघा के खेत जलमग्न हो गए हैं। मुसाढ़ी गांव के पास भी तटबंध टूट गए हैं। करीब 100 एकड़ से ज्यादा के रकबे में लगी फसल जलमग्न हो गई है।
बचाव और राहत कार्य तेज
हिलसा एसडीओ प्रवीण कुमार ने बताया कि नदी में एक दो जगहों पर पानी के तेज बहाव में तटबंध को नुकसान हुआ है। इसके कारण खेतों में पानी चला गया है। वहीं, बेलदारी विगहा गांव में नदी का पानी प्रवेश कर गया है। करीब 40 घर पानी से घिर चुके हैं। जहां के लोगों को बाहर निकाला जा रहा है और राहत शिविर बनाई जा रहे हैं। मेडिकल टीम को भी मौके पर बुलाया गया है, प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है। पानी के बहाव में थोड़ी कमी आई है। अगर फिर से पड़ोसी राज्य या जिले में बारिश होती है तो पानी के बहाव में तेजी देखी जा सकती है। एहतियात के लिए एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया गया है।
साल 2016 के बाद नदी में आया इतना पानी
फल्गु की सहायक नदी लोकाइन में साल 2016 के बाद इतना पानी आया है। लोकाइन नदी नालंदा के एकंगरसराय, हिलसा और करायपरसुराय प्रखंडों से होकर गुजरती है। सावन महीने के शुरू होने के पहले नालंदा के सकरी, जिरायन, गोईठवा, सोइवा और पंचाने नदी में धार फूटी थी। लेकिन अभी वह भी शांत पड़ी हुई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इन नदियों में भी पानी आएगा। हालांकि लोकाइन नदी में पानी आने से गिरते जलस्तर पर विराम लगेगा। एकंगरसराय जो डेंजर जोन में गिरते भू-जल स्तर के कारण आ गया था। इस प्रखंड को भी राहत मिलेगी।
दो दिन पहले जारी हुआ था अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दो दिन पूर्व ही जिले भर में अत्यधिक बारिश के कारण ठनका गिरने, पेड़ गिरने और स्थानीय आपदा बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी किया गया था। वहीं, झारखंड में अत्यधिक बारिश के कारण नालंदा की नदियों में बाढ़ आने की चेतावनी भी जारी की गई थी। जिलाधिकारी ने इस संदर्भ में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और प्रखंडों के पर्यवेक्षक अधिकारी को मुख्यालय में बने रहने तथा सतर्क रहने का निर्देश दिया गया था। वहीं, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर भी हिलसा के पश्चिमी इलाके में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे हैं।
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