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यूपी: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार होंगे चार अलग प्रश्नपत्र

प्रदेश में सरकारी नौकरियों के लिए होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चार-चार अलग-अलग प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। फूल प्रूफ सिस्टम विकसित करने के लिए इस पर उच्चस्तरीय सहमति बन चुकी है। इतना ही नहीं, प्रश्नपत्र निजी प्रिटिंग प्रेस के बजाय राजकीय प्रिटिंग प्रेस में ही छपवाने पर भी विचार किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार ने भर्ती बोर्ड और चयन आयोगों के माध्यम से होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों की गुंजाइश न रहने देने के लिए जून में ही विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें सरकारी या वित्त पोषित शिक्षण संस्थान ही परीक्षा केंद्र बनाने और 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी होने पर दो चरणों में परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है।

कहां और कौन सा प्रश्नपत्र उपयोग में आएगा, उसको परीक्षा के दिन परीक्षा शुरू होने के अधिकतम 5 घंटे पूर्व तय किया जाएगा। इस सिस्टम को और भी बेहतर बनाने के लिए उच्चस्तर पर लगातार मंथन चल है।

शासन के सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, शिक्षा सेवा चयन आयोग और उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से होने वाली प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षा के लिए चार प्रश्नपत्र छपवाने पर सहमति बन चुकी है। इसके पीछे की मंशा यह है कि पारदर्शिता के तमाम प्रयासों के बावजूद अगर किसी एक जगह पर पेपर लीक होने की कोई घटना होती है, तो 75 फीसदी परीक्षार्थी उससे प्रभावित नहीं होंगे।

राजकीय प्रिंटिंग प्रेस की भी सुधार जाएगी सेहत
उच्चस्तर पर मंथन से यही निष्कर्ष निकला है कि राजकीय प्रिंटिंग प्रेस में ही पेपर छपवाए जाएं तो गड़बड़ियों की आशंका काफी कम हो जाएगी। शासन के सूत्रों का कहना है कि निजी एजेंसियों से पेपर छपवाने पर जितना खर्च आता है, उससे कम राशि में ही राजकीय प्रिटिंग प्रेसों को मजबूत किया जा सकता है और इसके परिणाम भी अच्छे आएंगे। शासन के एक उच्चपदस्थ अधिकारी के मुताबिक, इस बारे में शीघ्र ही आदेश जारी होगा।