दिल्ली आबकारी नीति मामले में तिहाड़ जेल में बंद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नेता के. कविता मंगलवार देर शाम को जेल से बाहर आईं। जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में अपने बेटे और भाई केटीआर के साथ मिठाइयां बांटीं। आज ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी।
जेल से बाहर आने के बाद के. कविता ने कहा, ‘हम कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। उन्होंने गैरकानूनी रूप से हमें जेल भेजकर बीआरएस और केसीआर की टीम को अटूट बना दिया है’। उन्होंने कहा कि लगभग साढ़े पांच महीने बाद अपने बेटे, भाई और पति से मिलकर मैं भावुक हो गई हूं। इस स्थिति के लिए केवल राजनीति जिम्मेदार है। पूरा देश जानता है कि हमें सिर्फ राजनीति के कारण जेल में डाला गया। हम लडे़ंगे और खुद को बेगुनाह साबित करेंगे।
इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर ‘जेल अपवाद, जमानत नियम’ की अवधारणा को पुष्ट करने का काम किया। सर्वोच्च न्यायालय ने शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई के मामलों में बीआरएस नेता के. कविता को जमानत दे दी। जमानत के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह के. कविता को भी दस-दस लाख रुपये का मुचलका भरना पड़ा और उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा करना पड़ा। के. कविता को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि मामले से संबंधित साक्ष्य जुटा लिए गए हैं, लेकिन अब इस मामले की सुनवाई में लंबा समय लग सकता है, लिहाजा आरोपी को तब तक के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता।
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