दिसंबर तक आम जनता के लिए शालीमार बाग स्थित शीश महल खुल जाएगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसका जीर्णोद्धार का काम कर रहा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस स्थल का दौरा किया। साथ ही अधिकारियों को दिसंबर तक काम खत्म करने का दिया निर्देश दिया है। यहां राजस्थान के 30 से अधिक कारीगर ऐतिहासिक संरचना को उसके पुराने रूप में लाकर उसका गौरव बहाल करने का काम कर रहे हैं। डीडीए ने 150 एकड़ में पुनर्स्थापित और पुनर्जीवित किया है। यहां एक और मनोरंजक ग्रीन क्षेत्र होगा।
एलजी ने मुगलकालीन शालीमार बाग-शीश महल परिसर का दौरा कर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। इससे पहले एलजी ने जनवरी में दौरे के बाद काम शुरू करने का निर्देश दिया था। यह वास्तुकला की भव्यता का केंद्र था। यहां का चारबाग गार्डन, जहां 1658 में सम्राट औरंगजेब के राज्याभिषेक भी हुआ था, वर्षों से उपेक्षित रहने की वजह से जीर्ण-शीर्ण हालत में था।
इसकी प्रमुख इमारत, जो कभी बारीक नक्काशी के साथ, लाल बलुआ पत्थर की एक राजशाही संरचना थी, उसके खंभों और झरोखों का रंग उड़ गया था। मुख्य भवन के पीछे एक कुआं भी है जिसमें से पानी खींच कर मुख्य भवन की छत पर स्टोर किया जाता था। वहां से पानी को ऊंचाई से भवन के सामने बने विभिन्न चैनलों में छोड़ा जाता था, और ऊंचाई से गिरने की वजह से जो प्रेशर बनता था उसकी वजह से पानी, वहां बने फव्वारों से निकलता था।