गंगा के जलस्तर में तीन दिनों से गिरावट का सिलसिला बरकरार है। 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 50 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई है। उतरता हुआ बाढ़ का पानी अपने पीछे गाद और गंदगी छोड़ते हुए जा रहा है। जलभराव वाले तटवर्ती इलाकों में संक्रामक बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कम हो रहा है। शुक्रवार की रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 69.74 मीटर और सुबह आठ बजे 70 मीटर था। घटाव की रफ्तार सुबह से रात तक हर घंटे दो सेंटीमीटर बनी हुई है। फाफामऊ और मिर्जापुर में जलस्तर में गिरावट का असर बनारस में भी नजर आ रहा है।
जलस्तर के घटाव के बाद वरुणा के पानी से घिरे निचले इलाकों की आबादी की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। पीछे हटता पानी बजबजाती गंदगी और गाद का ढेर छोड़ रहा है। इससे संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा है। नगर निगम की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई कराई जा रही है। वहीं गंगा घाट पर भी सिल्ट का अंबार लगा हुआ है।
पानी से घिरने और नमी सोखने से तटवर्ती इलाकों के मकानों की दीवारों में दरारें पड़ने लगी हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर गली और छत पर ही शवदाह हो रहा है।
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