कानपुर के पनकी में साबरमती एक्सप्रेस, बिल्हौर में कालिंदी एक्सप्रेस के बाद रविवार को अब सरसौल के प्रेमपुर स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर छोटा गैस सिलिंडर रख मालगाड़ी पलटाने की साजिश रची गई। गनीमत रही कि खाली सिलिंडर स्टेशन से करीब 200 मीटर दूर लूप लाइन पर रखा गया था। लूप लाइन का इस्तेमाल वही ट्रेनें करती हैं, जिन्हें स्टेशन पर रुकना होता है। छोटा स्टेशन होने की वजह से कम यात्री ट्रेनें रुकती हैं।
उधर, बठिंडा-दिल्ली रेलवे लाइन पर सरिया रखकर असामाजिक तत्वों ने रविवार सुबह ट्रेन को बेपटरी करने का दुस्साहस किया। हालांकि रेल कर्मचारियों की मुस्तैदी के चलते बड़ा हादसा होने से बच गया।
सुबह करीब 5:50 बजे जैसे ही मालगाड़ी गुजरी, तभी लोको व सहायक पायलट ने सिलिंडर देख इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक दी। मौके से बीयर के कैन और कुछ खाने पीने की वस्तुओं के रैपर मिले हैं। जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। रेलवे ने भी तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है।
जीएमसी यार्ड की ओर से सोमवार सुबह जेटीटीएन गुड्स ट्रेन (मालगाड़ी) प्रयागराज के लिए रवाना हुई। इसी दौरान मेन लाइन पर प्रयागराज हमसफर 22438 और ब्रह्मपुत्र मेल 15657 के भी आने का समय हो गया। इसकी वजह से मालगाड़ी को प्रेमपुर स्टेशन की लूप लाइन पर लिया गया।
ट्रेन सुबह 5:50 बजे जैसे ही स्टेशन पार कर आगे बढ़ी, तभी लोको पायलट देव आनंद गुप्ता और सहायक लोको पायलट सीबी सिंह ने सिग्नल से कुछ दूर पहले लाइन पर सिलिंडर रखा देख ट्रेन रोक दी। कंट्रोल रूम की सूचना पर आरपीएफ सेंट्रल के इंस्पेक्टर बीपी सिंह, जीआरपी इंस्पेक्टर ओम नारायण सिंह और रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे।
रेलवे लाइन पर छोटा सिलिंडर तिरछा रखा हुआ था। उसका नोजल और हत्था पटरी के ऊपर, जबकि बाकी का लाइन के अंदर था। पुलिस को भी मामले की जानकारी दी गई। इस दौरान हमसफर 6:00 बजे और ब्रह्मपुत्र मेल 6:11 बजे मेन लाइन से रवाना की गई।
मालगाड़ी करीब 28 मिनट बाद रवाना की गई। सुबह 11:30 बजे प्रयागराज से आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित भी पहुंच गए। रेलवे के एडीजी प्रकाश डी, पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार, एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीशचंदर, डीसीपी ईस्ट श्रवण कुमार, एडीसीपी एलआईयू राजेश श्रीवास्तव, एडीसीपी क्राइम मनीष श्रीवास्तव ने भी जांच की।
साजिश से इन्कार नहीं
पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने बताया कि कानपुर में 16 अगस्त को झांसी रूट पर भीमसेन स्टेशन के नजदीक साबरमती एक्सप्रेस और आठ सितंबर को कासगंज रूट पर शिवराजपुर के पास कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की कोशिश हो चुकी है।
ऐसे में प्रेमपुर के पास सिलिंडर मिलने की घटना के पीछे साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। यह किसी की शरारत भी हो सकती है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उसका पकड़ा जाना बेहद जरूरी है। पूर्व के दोनों मामलों में जांच जारी है।
रेलवे ट्रैक पर काफी दूर तक हुई कांबिंग
घटना के बाद प्रेमपुर स्टेशन के दोनों ओर और आसपास के क्षेत्र में काफी दूर तक कांबिंग की गई। पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी के स्टाफ ने संदिग्ध और संवेदनशील लोगों से पूछताछ की। स्टेशन के नजदीक ही शराब का ठेका है, जहां पर देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रहती है। पुलिस ने वहां के लोगों से पूछताछ कर मामले में जानकारी जुटाई।
डॉग स्क्वॉड ने नाले के पास की तलाश
डॉग स्क्वॉड को घटनास्थल पर ले जाया गया। वह स्टेशन के पीछे की ओर गया। वहां पर एक नाले की पुलिया बनी हुई है, उसके चारों ओर चक्कर काटकर लौट आया। पुलिस को वहां पर अराजकतत्वों के बैठने और कुछ देर तक समय बिताने की संभावना है।
जम्मू-कटड़ा मेल की बोगी का नट-बोल्ट खुला, दुर्घटनाग्रस्त होने से बची
प्रेमपुर स्टेशन के आउटर पर जिस जगह गैस सिलिंडर रखा हुआ था, वहीं पर सेंट्रल स्टेशन से सूबेदारगंज के लिए जा रही जम्मू-कटड़ा मेल दुर्घटनाग्रस्त होने से बची। ट्रेन की एक बोगी के पहिये के शॉकर का नट-बोल्ट खुल गया था।
इसकी वजह से बोगी में उछाल आ रहा था। ट्रैक पर सिलिंडर होने की वजह से सिग्नल न मिल पाने से ट्रेन खड़ी हो गई थी। इस बीच प्वाइंटमैन की नजर शॉकर पर पड़ी। उन्होंने तुरंत रेलवे के अधिकारियों को सूचना दी। करीब 40 मिनट बाद नट-बोल्ट सही कर ट्रेन रवाना हुई।
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