ईरान चुनाव से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या करवाना चाहता है। ट्रंप की हत्या के सहारे अमेरिका में अराजकता फैलाने का प्लान ईरान ने रचा है। इससे जुड़ी जानकारी अमेरिका की खुफिया एजेंसियों ने राष्ट्रपति चुनाव के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से साझा की।
खुफिया एजेंसियों ने ट्रंप को बताया कि वास्तव में आपकी जान को खतरा है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां ट्रंप की सुरक्षा के प्रति अलर्ट हो गई हैं। 5 नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है। चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस से है।
ट्रंप की सुरक्षा में जुटीं एजेंसियां
ट्रंप के अभियान संचार निदेशक स्टीवन चेउंग ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय ने आगाह किया कि आपकी जान को खतरा है। ईरान इसकी साजिश रच रहा है। उसका मकसद इस हत्या से अमेरिका में अराजकता और अस्थिरता पैदा करने का है। अमेरिका की सभी एजेंसियां डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में जुटी हैं ताकि राष्ट्रपति चुनाव बिना हस्तक्षेप के संपन्न हो सके।”
ईरान को कमला हैरिस की कमजोरी पसंद
स्टीवन चेउंग ने कहा कि ईरान में आतंकवादी शासन है और इस शासन को कमला हैरिस की कमजोरी पसंद है। तेहरान डोनाल्ड ट्रंप की ताकत से भयभीत है। मगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी लोगों के लिए लड़ेंगे। अमेरिका को दोबारा महान बनाने के रास्ते में किसी भी चीज को नहीं आने देंगे।
ट्रंप पर कब और कहां हुआ हमला?
- डोनाल्ड ट्रंप पर दो बार जानलेवा हमला हो चुके हैं। सबसे पहला हमला 13 जुलाई को पेंसिलवेनिया के बटलर में हुआ था। यहां एक रैली के दौरान ट्रंप पर 20 वर्षीय थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने फायरिंग की थी। एक गोली ट्रंप के कान को चीरते निकल गई थी। हालांकि बाद में सीक्रेट सर्विस ने आरोपी क्रुक्स को मार गिराया था।
- ट्रंप पर दूसरे हमले की कोशिश 15 सितंबर को हुई। फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच पर ट्रंप इंटरनेशल गोल्फ क्लब है। इसी क्लब के बाहर गोलीबारी की गई। ट्रंप गोलीबारी वाली जगह से कुछ सौ मीटर की दूरी पर मौजूद थे। इस मामले में 58 साल के रयान वेस्ले राउथ को बंदूक के साथ गिरफ्तार किया गया था।
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