नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण तबाही मच गई है। गुरुवार को शुरू हुई बारिश रविवार तक कई प्रांतों में विनाश का कारण बन गई। बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण अबतक 220 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, जबकि 30 लोग लापता हैं। वहीं हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। काठमांडू में रविवार से मौसम में सुधार हुआ है।
पिछले तीन दिन से जारी भारी बारिश के कारण काठमांडू घाटी बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। यहां 50 लोगों की मौत हो चुकी है। तलाशी, बचाव और राहत अभियान के लिए नेपाल सेना और पुलिस बलों को विभिन्न क्षेत्रों में भेजा गया है। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।
बाढ़ और भूस्खलन पीड़ितों को तुरंत राहत सामग्री प्रदान की जा रही है। नेपाल सरकार खोज, बचाव और राहत वितरण को प्राथमिकता दे रही है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि परिवहन को फिर से चालू करने के लिए राजमार्गों को साफ किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है।
बाढ़ के प्रभाव में वृद्धि का एक कारण निर्मित पर्यावरण है, जिसमें अनियोजित निर्माण भी शामिल है। देश के कई इलाकों में बाढ़ और भारी बारिश के कारण जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सैकड़ों घर और पुल बाढ़ के पानी में बह गए। सड़क बाधित होने के कारण हजारों की संख्या में लोग विभिन्न स्तानों में फंसे हुए हैं।
बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई राजमार्ग और सड़क क्षतिह्रस्त हो गए। सैकड़ों घर और पुल दब गए या बह गए। बाढ़ और भूस्खलन के कारण काठमांडू की तरफ जाने वाली मार्ग अवरुद्ध हो गई। हजारों की संख्या में लोग फंसे हुए हैं।