अब राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग निर्माण की योजना को पहले विशेषज्ञ उसके सभी पहलू का परीक्षण करेंगे। उनसे हरी झंडी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो सकेगा। इस संबंध में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आदेश जारी किया है।
पिछले साल उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग हादसा हुआ था। इसके बाद से सुरंग निर्माण को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। हाल ही में मंत्रालय ने आदेश जारी किया है, उसमें सिलक्यारा सुरंग का जिक्र किया गया है। इसमें टनल निर्माण की डिजाइन, निर्माण, योजना की जांच की तत्काल समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया है। ताकि समस्याओं को पहचानने के साथ समाधान किया जा सके।
मंत्रालय ने सुरंग योजना की जांच के लिए विशेषज्ञों की सलाहकार समिति बनाई है। इसमें ऑयल एंड नेचुरल गैस कोआपरेशन, रेल विकास निगम लिमिटेड, टीएचडीआईसीएल के विशेषज्ञ हैं। ये विशेषज्ञ डेढ़ किमी लंबी सुरंग योजना के प्रस्ताव का परीक्षण कर सलाह देंगे।
इसके बाद डीपीआर के संबंध में अंतिम निर्णय मंत्रालय के महानिदेशक व विशेषज्ञ सचिव के माध्यम से लिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग की ओजरी समेत कई जगह सुरंग बनाने की योजना है। टनल बनाने से पहले फैसला हुआ है कि जो सुरंग डेढ़ किमी से अधिक लंबी होगी, वह जुड़वा बनेगी।
पहले कंसलटेंट के सहयोग से एनएच डीपीआर को तैयार कर मंत्रालय का भेजता था, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद सुरंग निर्माण का काम होता था। अब डीपीआर का परीक्षण कर विशेषज्ञों की समिति करेगी, वहां से सुझाव मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया होगी। इस संबंध में मंत्रालय का पत्र आया है। -दयानंद, मुख्य अभियंता एनएच
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