भारत और अमेरिका के बीच एक अहम समझौता हुआ है। समझौते के तहत भारत के खान मंत्रालय और अमेरिकी सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। सेमीकंडक्टर की आपूर्ति श्रृंखलाओं को विकसित करने पर जोर दिया।
शुक्रवार को केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
संबंधों को व्यापक बनाने में जुटे भारत और अमेरिका
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि भारत और अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों से आगे बढ़कर दुनिया के अन्य देशों को शामिल कर संबंधों को व्यापक बनाने में जुटे हैं। एक साल पहले किया गया नवचार सहयोग समझौता आगे बढ़ चुका है। उम्मीद है कि अगले साल प्रौद्योगिकी और स्थिरता शिखर सम्मेलन होगा।
अन्य देशों के साथ सहयोग पर भी चर्चा की। किसी अन्य देश में महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं की संभावना तलाशने और अमेरिका-भारत संयुक्त उद्यमों के लिए अन्य देशों से निवेश आकर्षित करने पर भी चर्चा कर रहे हैं।
इन क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर फोकस
पीयूष गोयल ने 9वें सीईओ फोरम का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि फोरम में व्यापार सहयोग के नए आयामों, विशेषकर प्रौद्योगिकी और निवेश पर चर्चा की गई। गोयल ने कहा, “फोरम में प्रौद्योगिकी और निवेश में अधिक सहयोग के माध्यम से व्यापार-से-व्यापार संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अंतरिक्ष, विमानन, अनुसंधान एवं विकास, स्वास्थ्य और स्वच्छ ऊर्जा जैसे ऐसे क्षेत्र हैं, जहां अमेरिका और भारत दोनों आपसी हित साझा करते हैं। इससे दोनों देशों के लोगों और पूरी मानवता को लाभ होता है।”
स्वच्छ ऊर्जा पर हुई चर्चा
पीयूष गोयल ने कहा, “यह हमारी छठी वाणिज्यिक वार्ता थी। यह वार्ता पिछले साल की प्रगति पर केंद्रित थी। महत्वपूर्ण खनिजों पर सहमति ज्ञापन समेत सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को विकसित करना वार्ता का मुख्य विषय था। बैठक में स्वच्छ ऊर्जा पर भी चर्चा हुई। वहीं पर्यटन जैसे नए क्षेत्रों की खोज पर बातचीत हुई।”
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